नई दिल्ली : आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने कहा कि वह पाकिस्तान के साथ वार्ता को जारी रखेगा क्योंकि युद्ध कोई विकल्प नहीं है। हालांकि केंद्र सरकार ने पड़ोसी देश को यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वार्ता और आतंकवाद साथ साथ नहीं चल सकते।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा में कहा कि 30 नवंबर को पेरिस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच कॉप 21 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई बातचीत तथा उससे पहले रूस के उफा और हाल ही में पेरिस में दोनों नेताओं के बीच बनी सहमति के बाद भारत और पाकिस्तान ने आतंकवाद पर वार्ता का फैसला किया है। और इसी के अनुसार बैंकाक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तरीय वार्ता हुई।

उन्होंने कहा,‘‘ एक ही बैठक से सभी समस्याओं का समाधान नहीं निकल सकता। इसलिए हम आतंकवाद पर बात जारी रखेंगे।’ उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों के सवालों के जवाब में कहा, ‘ युद्ध अकेला रास्ता नहीं है। यह नयी पहल हुई है। शुभकामनाएं दें कि बातचीत से रास्ता निकल सके ताकि आतंकवाद का साया हमारे सिरों से उठ सके।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के आतंकवादी शिविरों को लेकर भी बात हो रही है।

अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को अमेरिका द्वारा पाकिस्तान में मार गिराने और पेरिस हमलों के बाद सीरिया में आतंकवादियों के खिलाफ की जा रही युद्धक कार्रवाई जैसा कोई कदम आतंकवादियों के खिलाफ उठाने संबंधी भाजपा के गणेश सिंह के सवाल के जवाब में सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान के साथ पाक अधिकृत कश्मीर के आतंकवादी शिविरों पर भी भारत बात कर रहा है क्योंकि ‘युद्ध अकेला रास्ता नहीं है।’ उन्होंने कहा कि बहुत पहले ही आतंकवाद की समाप्ति पर भारत ने बातचीत की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान को काफी पहले साफ कर दिया था कि बम के धमाकों में बातचीत के स्वर दब जाते हैं। इसलिए प्रधानमंत्री ने कहा कि ठीक है , पहले आतंकवाद पर वार्ता करें।

सुषमा ने कहा, ‘वार्ता के लिए हमें भरोसा करना होगा। यह तय हो चुका है कि कोई तीसरा देश मध्यस्थता नहीं करेगा। बातचीत हमें ही करनी है। नए भरोसे के साथ बातचीत की नयी पहल हुई है।’