लखनऊ। पुलिस महानिदेशक जगमोहन यादव ने पंचायत चुनाव संपन्न कराने पर पुलिस प्रशासन की पीठ थपथपाई।  डीजीपी हेड क्वाटर पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में प्रदेश के पुलिस मुखिया ने कम संसाधनों के बावजूद निष्पक्ष ढंग से पंचायत चुनाव संपन्न कराने का उन्होंने दावा किया। उन्होंने कहा कि यह पहला चुनाव है कि किसी को पुलिस से जोर-जबर्दस्ती की शिकायत नहीं रही। पुलिस पर पक्षपात का आरोप नहीं लगा। 

पुलिस महानिदेशक ने ग्राम पंचायत चुनाव की रंजिश और जिला पंचायत अध्यक्ष के होने वाले चुनाव को पुलिस के सामने बड़ी चुनौती बताते हुए  कहा कि इसके लिये सख्ती की जरूरत है।

पत्रकारों से बातचीत में जगमोहन ने कहा कि कई जिलों में पुलिस पर सख्ती और ढिलाई का आरोप जरूर लगा लेकिन खराब कार्य करने वालों के खिलाफ राज्य निर्वाचन आयोग ने कार्रवाई भी की। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के लिये अभी से रणनीति बन रही है और इसमें भी निष्पक्षता बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि अब हाईटेक युग है और युवाओं को बवाल करने से पहले सोचना चाहिये कि वीडियोग्राफी में अगर उनकी भूमिका रिकार्ड हो गयी तो 15 वर्ष तक मुकदमा झेलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अब गांवों में रंजिश काफी दिन चलेगी लेकिन पुलिस बवाल करने वालों को छोड़ेगी नहीं। उन्होंने सकुशल चुनाव के लिये एडीजी कानून-व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी और आइजी कानून-व्यवस्था ए. सतीश गणेश के कुशल प्रबंधन की भी सराहना की। मुहर्रम, दुर्गापूजा, दशहरा, वाराणसी में प्रधानमंत्री की यात्रा, कानपुर में वनडे मैच के बीच चुनाव संपन्न कराने को भी पुलिस की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। डीजीपी ने कहा कि पुलिस का रिस्पांस टाइम इतना कम रहा वरना चुनाव में भारी हिंसा होती। गड़बड़ी की सबसे बड़ी वजह वोटर लिस्ट में खामी रही। इसकी जांच एसटीएफ कर रही है।