लखनऊ: जापानी इंसेफ्लाइटिस (JE) और एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (AES) से मुकाबले के लिए यूपी सरकार द्वारा 2013-14 ऐसा स्थापित किये गए इंसेफ्लाइटिस उपचार केन्द्रों (ETCs ) के बेहतर परिणाम सामने आये हैं. इन उपचार केन्द्रों की स्थापना के बाद इस बीमारी से होने वाली मृत्यु दर में भारी कमी आयी है। इस कार्य में अनतर्राष्ट्रीय स्वयं सेवी संस्था PATH भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है ।
जापानी इंसेफ्लाइटिस (JE) और एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (AES) से मुकाबले के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों की जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अरविन्द कुमार ने आज एक पत्रकार वार्ता में बताया कि जापानी इंसेफ्लाइटिस और एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम भारत ही नहीं विश्व के दूसरे भागों में भी एक बड़ी समस्या बना हुआ है । उन्होंने बताया कि भारत में हर साल लगभग 375 मिलयन लोगों पर इन जानलेवा बीमारियों का खतरा मंडराता रहता है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार इस मामले में पूरी तरह गंभीर है और इस बात का भरपूर प्रयास कर रही है कि जापानी इंसेफ्लाइटिस और एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम से प्रभावित मरीज़ों का बेहतर इलाज सुनिश्चित हो । गोरखपुर जहाँ इस बीमारी का प्रकोप अधिक रहता है वहां BRD मेडिकल कालेज में 100 बिस्तरों का ICU वार्ड बना हुआ है । इस बीमारी से प्रभावित क्षेत्रों में अभी 10 इंसेफ्लाइटिस उपचार केन्द्र चल रहे हैं जिनकी संख्या बढाकर 15 की जा रही है। ICU सुविधा भी बढ़ाई जाएगी ।
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