कैलिफोर्निया: फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग के बाद अब गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई अमेरिका में मुस्लमानों और अल्पसंख्यकों के समर्थन में खुलकर सामने आए हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प के विवादित बयानों के बाद सुंदर पिचाई ने असहनशीलता के मुद्दे पर अपनी राय खुलकर रखी। अपने ब्लॉग ‘हमारे मूल्यों को डर से हारने मत देना’ में ट्रम्प का नाम लिए बगैर पिचाई ने लिखा कि इन दिनों खबरों में लोगों के प्रति ‘असहनशीलता’ वाली बातचीत को सुनकर काफी दुख पहुंचता है। सुंदर ने लिखा ‘हमें अमेरिका और पूरी दुनिया में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का समर्थन करना चाहिए।’

रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ट्रम्प ने कहा था कि ‘अमेरिका में मुसलमानों के लिए दरवाज़े पूरी तरह बंद हो जाने चाहिए।’ ट्रम्प के इस बयान की जुकरबर्ग के अलावा अमेज़न के प्रमुख जेफ बेज़ोस ने भी निंदा की थी। पिचाई ने ब्लॉग में लिखा है ‘सहनशीलता, खुला दिमाग और नए अमेरिकियों का खुले दिल से स्वागत ही इस देश की सबसे बड़ी ताकत है।’

पिचाई ने 22 साल पहले भारत से अमेरिकी आने की अपनी कहानी बताते हुए लिखा कि किस तरह अवसरों की इस धरती ने उनके जैसे कई प्रवासियों को मौका दिया है जिसकी वजह से आज वह गूगल के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष हैं। पिचाई ने लिखा कि ‘मैं असमंजस में था कि इसे पोस्ट करूं या नहीं क्योंकि आजकल असहनशीलता की आलोचना ऐसी बहस को और हवा देने का काम करती है।’

सुंदर आगे लिखते हैं – ‘लेकिन मुझे लगा कि हमें बोलना चाहिए, ख़ासतौर पर उन्हें जिन्हें किसी तरह का खतरा नहीं है। हर किसी को अपनी राय रखने का हक है लेकिन जरूरी है कि जो संख्या में कम हैं उन्हें मालूम हो कि यह विचार सब के नहीं है।’ एक राष्ट्रीय मत के अनुसार ज्यादा अमेरिकी, ट्रम्प के विचारों से सहमत नहीं है लेकिन कुछ रूढ़िवादी रिब्लिकन वोटर ऐसे भी हैं जिनके बीच इस टिप्पणी के बाद डोनाल्ड की लोकप्रियता बढ़ गई है।