लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि राज्य में नकल माफियाओं के बढ़ते दबाव के कारण बोर्ड परीक्षाओ के लिए परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण के काम को प्रभावित किया जा रहा है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा शिक्षा माफियाओं के बढ़ते वर्चस्व के कारण राज्य में बदहाल हो रही है शिक्षा व्यवस्था, राज्य के 18 मण्डलों में से दर्जन से अधिक मण्डलों में परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण नहीं हो पाया है।

मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर चर्चा में प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि विभिन्न जनपदों में सक्रिय नकल माफिया अपने राजनैतिक आकाओं के भरोसे परीक्षा केन्द्र बनवाने में जुटे है। राज्य के अधिकांश मण्डलों के जनपदों के पहली सूची जारी होने के बावजूद अभी अंतिम सूची जारी नहीं हो पायी। कई-कई मण्डलों में तो पहली सूची ही जारी नहीं हो पायी है। परीक्षा केन्द्र निर्धारण की प्रक्रिया में बढ़ता राजनैतिक हस्तक्षेप और राजनैतिक रसूख आड़े आ रहा है।

उन्होंने कहा कि राज्य की सत्तारूढ़ अखिलेश सरकार के माननीय, सक्रिय नकल माफियाओं के दबाव में वित्त विहीन स्कूलों का केन्द्र शासकीय सहायता प्राप्त (ऐडेड) विद्यालयों, राजकीय विद्यालयों को न देने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगाये हुए है, सत्ता के दबाव में अधिकारी दागी और दागदार विद्यालयों को भी परीक्षा केन्द्र बनाने में लगे हुए है। सत्ता के रसूख में वित्त विहीन जिन विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र पिछले वर्ष बनाया गया था, वे परीक्षा के समय फिर बदनाम हुए, उनके बारे में रिपोर्ट भी हुई किन्तु एक बार फिर उन विद्यालयों का निर्धारण परीक्षा केन्द्रों के रूप में किया जा रहा है।

श्री पाठक ने कहा कि राज्य में लगभग 10 हजार करोड़ का नकल उद्योग है, बार-बार परीक्षाओं की सुचिता को लेकर सवाल उठते रहे है। राज्य सरकार ने कहा था कि सीसीटीवी कैमरे परीक्षा केन्द्रों पर लगाये जायेेंगे। जिनकों लेकर पिछली बार बड़ा हो-हल्ला मचा, इस बार सरकार ने बजट ही नहीं रखा ताकि इस पर चर्चा ना हो सके, हर बार परीक्षाओं के पूर्व परीक्षाओं की सूचिता को लेकर, उसके सफलता पूर्वक संचालन को लेकर चर्चाएं होती है किन्तु सारी कवायद परीक्षा होते समय बेअसर साबित होती है। 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मेरिट को आधार बनाकर नौकरियां देने की कवायद में जुटे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यह भी तो देखे की जिन परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने पर मेरिट बन रही हैं वे सुचिता पूर्ण हो।