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बाबा साहब के ध्येय और सिद्धांत को आगे बढ़ाएं: राज्यपाल

लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज बाबासाहब डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर अम्बेडकर महासभा लखनऊ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए श्री कमल किशोर कठेरिया, प्रो0 कालीचरन स्नेही, प्रो0 (डाॅ0) एस0एन0 शंखवार तथा श्री एच0एल0 दुसाध को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर पूर्व महापौर दाऊजी गुप्त, पूर्व डीजीपी श्री रामअरूण, अम्बेडकर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल सहित अन्य विशिष्ट नागरिकजन उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर साक्षी विद्यार्थी की डाक्यूमेंटरी फिल्म ‘मैं साक्षी हूँ‘ के निर्माण का शुभारम्भ किया। राज्यपाल ने बाबा साहब के प्रति अपना सम्मान प्रकट करते हुए अम्बेडकर महासभा परिसर स्थित बुद्ध विहार का दर्शन किया एवं उनकी अस्थियों पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

राज्यपाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बाबा साहब से जुडे़ कार्यक्रम में आकर उन्हें ऊर्जा और चेतना मिलती है। डाॅ0 अम्बेडकर ने 65 वर्ष की आयु में जो देश को दिया है उस पर विचार करते हुए हम भी देश को कुछ दे सकते हैं, ऐसा संकल्प करें आज के दिन। बाबा साहब के ध्येय और सिद्धांत को आगे बढ़ाये। वे सदैव परिश्रम और ज्ञान प्राप्त करने पर जोर देते थे। बाबा साहब द्वारा दिये गये संविधान का उपयोग उसकी भावना के अनुरूप करें। उन्होंने कहा कि जनतंत्र में संविधान सही ढंग से सामने आये, ऐसा करने पर विचार करें।

श्री नाईक ने कहा कि बाबा साहब का जन्म 1891 में हुआ था। 125 साल पूरे होने पर सही दृष्टिकोण से अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने हेतु सोचें। अम्बेडकर महासभा, लखनऊ की स्थापना 1991 में हुयी थी जिसका अगला वर्ष रजत जयंती वर्ष होगा। उन्होंने कहा कि संस्था भव्य तरीके से रजत जयंती का आयोजन करें। 

राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की सोच के कारण हमने गत 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाया। 14 नवम्बर को बाबा साहब के लंदन निवास को देश की धरोहर के रूप में घोषित किया गया तथा 11 अक्टूबर को महाराष्ट्र में बाबा साहब की समाधि स्थल को डाॅ0 अम्बेडकर संग्रहालय बनाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के दीक्षान्त समारोह में प्रधानमंत्री ने आने की सहमति प्रदान कर दी है। उनकी इच्छा है कि प्रधानमंत्री को अम्बेडकर महासभा में आयोजित कार्यक्रम में भी आमंत्रित किया जाय। उन्होंने यह भी कहा कि सुश्री साक्षी विद्यार्थी यदि चाहें तो राजभवन में आगामी 14 अप्रैल को अपनी डाक्यूमेंटरी फिल्म ‘मैं साक्षी हूँ‘ का लोकार्पण कर सकती हैं।

श्री दाऊजी गुप्त पूर्व महापौर ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि बाबा साहब संविधान के निर्माता हैं। उन्होंने ऐसा संविधान दिया है कि भारत में आज तक लोकतंत्र कायम है। बाबा साहब की पुस्तकें शोध पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि डाॅ0 अम्बेडकर का बौद्धिक योगदान महत्वपूर्ण हैं।

पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री श्रीराम अरूण ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह आत्मविश्लेषण करने का समय है कि संविधान में लिखी बातों पर कितना अमल हुआ है। देश की सम्पत्ति का नुकसान नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज आपस में एकता, बंधुत्तव और भाईचारा बढ़ाते हुए सौहाद्र बनाये रखने की जरूरत है।

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