नई दिल्ली: कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि आपातकाल एक बड़ी ‘भूल’ थी जबकि 1984 के सिख-विरोधी दंगों के दौरान जो कुछ हुआ वह ‘गलत’ था।

एचटी लीडरशिप समिट में सिंधिया ने कहा, ‘हम साथ मिलकर यह क्यों नहीं कह सकते कि आपातकाल के दौरान जो कुछ हुआ वह गलत था। हम इस पर आगे-पीछे न करें। सिख दंगों में जो कुछ हुआ वह गलत था। चाहे कोई भी सरकार सत्ता में रही हो, देश में यदि कोई जान जाती है तो हमें कहने की जरूरत है कि जो सही है वह सही है और जो गलत है वह गलत है।’ सिंधिया ने जोर देकर कहा कि देश के लोगों का मानना है कि एक पार्टी या दूसरी पार्टी के शासन के दौरान हुई गलत घटनाओं पर काफी ‘तू तू मैं मैं’ हो चुका।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘कहीं भी यदि कोई गलत घटना होती है तो वह गलत है भले ही यह मेरी पार्टी से जुड़ी हो या किसी और पार्टी से। यदि कोई चीज सही है तो सही है। यदि कुछ गलत है तो गलत है। इसी में राजनेता की जवाबदेही निहित होती है।’ उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी से जुड़ाव इंसानियत के बाद ही आता है।

आपातकाल पर अपने विचारों को विस्तार से बताने के बारे में कहे जाने पर सिंधिया ने कहा कि उस वक्त चाहे जैसा भी माहौल रहा हो, ‘आखिरकार यदि आप विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के तौर पर हमारे देश की तारीफ करते हैं तो आपको लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खड़े होना पड़ेगा।’ ‘भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने वाले’ किसी भी कदम को नामंजूर करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘आपातकाल हमारे देश के लिए भूल थी’।

सिंधिया ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने खुलकर कबूल किया था कि सलमान रुश्दी के विवादित उपन्यास ‘दि सैटेनिक वर्सेस’ पर तत्कालीन राजीव गांधी सरकार की ओर से लगाई गई पाबंदी गलत थी।