लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार ने ‘किसान-वर्ष’ में किसानों को केन्द्र में रखकर कोई भी योजना नहीं बनाई और न ही किसानों के हित कोई भी सकारात्मक और प्रभावी काम किया।

प्रदेश पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि केन्द्र सरकार ने भारत सरकार के अपर सचिव राघवेन्द्र सिंह के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम वे प्रभावित जनपदों का भ्रमण कर रिर्र्पाेट भारत सरकार दल ने मुख्य सचिव के साथ बैठक कर राहत कार्यो के संदर्भ में व्यापक विर्मश किया।

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि प्रदेश सरकार सूखाग्रस्त जनपदों में राहत कार्यो हेतु धनराशि भारत सरकार से यथाशीघ्र स्वीकृत करने की मांग तो कर रहे है लेकिन प्रदेश सरकार को यह विश्वास भी तो दिलाना पड़ेगा कि वह मुआवजा की बंदर बांट नहीं होने देगी और वितरण में पारदर्शिता की जायेगी तथा मुआवजा वितरण में भ्रष्टाचार के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों पर क्या कठोर कार्यवाही की गयी यह भी बताना होगा।

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि जिस राज्य के व्यक्ति भूखे सौते हो उस राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के मुखिया के जन्मदिन में करोड़ो रूपये फूकें जाते है। अब एक बार फिर किसानों के हिस्से के पैसे को सैफई महोत्सव में भी खर्च किया जायेगा।

प्रदेश प्रवक्ता ने सवाल करते हुए पूछा कि प्रदेश सरकार को प्रदेश के किसानों को बताना होगा कि किसान वर्ष में किसानो के विकास और कल्याण के लिये क्या-क्या आयोजन किये, प्रदेश के किसानों 10 माह के किसान वर्ष का हिसाब प्रदेश सरकार से चाहते है। प्रदेश सरकार ने गांव किसान की बिजली को महंगा किया प्रदेश में धान की खरीद में भ्रष्टाचार हुआ और किसान को शोषण का शिकार होना पड़ा।

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र की सरकार किसानों के लिये पूर्ण समर्पित है, प्राकृति के प्रकोप से मुआवजा 50 के बजाए 33 प्रतिशत का ऐलान किया गया। गन्ना किसानों को विशेष पैकेज दिया गया। वहीं प्रदेश सरकार ने किसान वर्ष घोषित करके किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी से एतिश्री कर ली है। किसान वर्ष में किसान दुर्दशा का शिकार हो रहा है किसान वर्ष किसानों के लिए मजाक बन कर रहा गया है।