नई दिल्ली: भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में अब तक तिहरा शतक सिर्फ एक ही खिलाड़ी लगा पाया है, वह भी दो बार, लेकिन यह अनूठा कारनामा करने वाले ‘नजफगढ़ के नवाब’ वीरेंद्र सहवाग को इस बात का अफसोस है कि वह कभी 400 रन का आंकड़ा नहीं छू पाए।

हाल ही में रिटायरमेंट की घोषणा करने वाले वीरेंद्र सहवाग को गुरुवार को डीडीसीए ने फिरोजशाह कोटला टेस्ट मैच से ठीक पहले सम्मानित किया। कोटला के मैदान पर सहवाग अपने पूरे परिवार के साथ मैच देखने आए थे, और प्रशंसकों के बीच उनके जलवे का असर उस वक्त भी बरकरार दिखा। फैन्स उनसे ऑटोग्राफ लेने के लिए चक्कर लगाते रहे, और वीरू की नज़रें मां, पत्नी और दोनों बच्चों के साथ लगातार मैदान पर टिकी रहीं… वह उनके आस-पास बैठे लोगों के लिए लगातार आकर्षण का केंद्र बने रहे।

मैच के दौरान वीरू ने कमेंटेटर हर्षा भोगले को बताया कि क्रिकेट में रनों के लिए उनकी भूख कैसी थी। दरअसल, वीरेंद्र सहवाग अकेले भारतीय बल्लेबाज़ हैं, जिन्होंने तिहरे शतक वाली दो पारियां खेली हैं। लेकिन उनका कहना है कि उन्हें इस बात का मलाल है कि वह 400 रनों, यानी क्रिकेट में सर्वाधिक (ब्रायन लारा के 400) रनों का आंकड़ा पार करने से चूक गए।

सहवाग कहते हैं कि उन्होंने दो बार 300 का आंकड़ा पार किया (309 रन, मुल्तान में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 2004 में और 319 रन, चेन्नई में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 2008 में)। वह कहते हैं कि उस वक्त वह 400 का आंकड़ा पार कर सकते थे। सहवाग के अलावा टेस्ट क्रिकेट में दो तिहरे शतक सर डॉन ब्रैडमैन, क्रिस गेल और ब्रायन लारा के ख़ाते में भी हैं, जबकि सहवाग के नाम छह दोहरे शतक भी दर्ज हैं। सहवाग से ज़्यादा दोहरे शतक लगाने वाले पांच बल्लेबाज हैं, जबकि सहवाग जितने ही (छह) दोहरे शतक लगाने वाले भी चार क्रिकेटर और हैं।

23 टेस्ट शतक और 15 वन-डे शतक लगा चुके वीरेंद्र सहवाग के नाम क्रिकेट में कई ऐसे रिकॉर्ड हैं, जिन्हें जानकार बड़े चाव से याद करते हैं, लेकिन उससे भी बड़ी बात है, उनका बेबाकी से बल्ले चलाने का अंदाज़, जिसे याद कर अब भी महसूस होता है, कहीं भी कोई भी और खिलाड़ी सहवाग का अंदाज़ नहीं दिखा पाएगा।

सहवाग के 319 रनों का रिकॉर्ड चाहे जब टूटे उन्होंने अपने बच्चों से वादा किया है कि अगर वे इस आंकड़े को किसी भी स्तर में पार करते हैं, तो वे उन्हें फेरारी कार भेंट करेंगे।