यस बैंक ने ओवरसीज प्राइवेट इन्वेस्टमेंट काॅरपोरेशन (ओपीआईसी) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, यह संस्थान अमेरिकी सरकार की डेवलपमेंट फायनेंस इस्टीट्यूट है। इस समझौते के तह 245 मिलियन डाॅलर का ऋण वित्तपोषण प्राप्त किया गया है ताकि भारत के सुक्ष्म, लधु, एवं मध्यम श्रेणी के उद्यमियों (एमएसएमईज) के ऋणों में वृद्धि की जा सके। अमेरिका स्थित ऋणदाता वाॅल्स फारगो बैंक, एन.ए. इसमें प्रायोजक तथा सह ऋणदाता की भूमिका में होगा और यह 20 मिलियन डाॅलर का ऋण उपलब्ध करवाएगा जिसे में मिला कर कुल ऋण राषि 265 करोड़ रुपए हो जाएगी। विशेष रूप से इस प्राप्त राशि में से आधी राशि का उपयोग या जो माइक्रो-एसएमीज या एसएमईज जो कि ऐसे ग्रामीण एवं शहरी बाजारों में है और इस प्रकार की ऋण सेवा अछूते हैं।

इस अवसर पर ओपीआईसी की अध्यक्ष एलिजाबेथ लिटिलफिल्ड ने इस ऋण करार पर हस्ताक्षर किए और ओपीआईसी की भारत के छोटे एवं मझौले व्यापारों के विकास के लिए प्रतिबद्धता दोहराई। ओपीआईसी से मिले इस ऋण से यस बैंक जो कि एक स्थानीय अनुभवी ऋण प्रदाता है और उसका भारत में विशाल नेटवर्क है एसएमईज को और आत्मविश्वास के साथ ऋण उपलब्ध करवा सकेगा। 

इस मौके पर यस बैंक के प्रबन्ध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी राना कपूर ने कहा कि ‘‘हमारी अर्थ व्यवस्था के लिए एमएसएमईज एक ग्रोथ इंजन काम करते हैं, तथा रोजगार उत्पन्न करते हंै तथा बैंकिंग ऋण के उपयोग के प्रमुख समर्थकों में से एक हैं। ओपीआईसी और यस बैंक तथ वेलफारगो के बीच यह महत्वपूर्ण को-फायनेंसिंग समझौता यस बैंक की क्षमता को सुदृढ़ बनाएगा और वह एसएमई तथा एमएसएमई क्षेत्र की अनूठी आवश्यकताओं को सहज ही पूरा कर सकेगा। साथ ही उन्हें इस बात के लिए भी उत्साहित करेगा कि विश्व की सबसे बड़ी डेवलपमेंट फायनेंस इंस्टीट्यूट ने अपना विश्वास यस बैंक के कारोबार और वित्तीय माॅडल पर किया है तथा हकीकत में इससे पोस्ट ड्यू एलिगेंस भी समृद्ध होगा।