नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में साफ कर दिया कि सरकार को ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला है जिससे ये साबित हो सके कि आगरा में बना ताजमहल पुराना हिंदू मंदिर था। ताजमहल को हिंदू मंदिर घोषित करने और वहां हिंदुओं को पूजा का अधिकार देने संबधित आगरा कोर्ट में दायर केस के लिखित जवाब देते हुए संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि सरकार इस मुकदमे से परिचित है। शर्मा ने ये भी कहा कि ताजमहल पर हुए इस पूरे विवाद के बाद भी ताजमहल देखने के लिए आने वाले सैलानियों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है।
वहीं, एनसीपी नेता माजिद मेमन ने महेश शर्मा का ताज के संबंध में दिए गए बयान को पूरी तरह सच बताया। उन्होंने कहा कि सारी दुनिया जानती है, मुगलकाल में ताजमहल बनाया गया था। वहां हिंदू मंदिर होने का सवाल ही नहीं है। साहित्य अकादमी के लेखकों द्वारा सम्मान लौटाए जाने के सवाल पर शर्मा ने कहा कि सम्मान लौटाए जाने का मामला हाल ही में लेखकों के खिलाफ हुई कुछ दुर्घटनाओं के खिलाफ है। हालांकि शर्मा ने ‘दुर्घटनाओं’ पर स्पष्टीकरण नहीं दिया। उन्होंने कहा कि साहित्य अकादमी ने कार्यकारिणी बोर्ड की एक विशेष बैठक बुलाई जिसमें एक प्रस्ताव पारित कर किसी भी लेखक या कलाकार पर हमला किए जाने या उनकी हत्या किए जाने की निंदा की और अवॉर्ड लौटा चुके लेखकों से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह भी किया।
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