नई दिल्ली : भाजपा ने अपने सांसदों से आज कहा कि वे उकसाने वाले बयान देने से बचे। संसद में असहिष्णुता पर चल रही चर्चा के दौरान आया यह निर्देश महत्वपूर्ण है क्योंकि इस मुद्दे पर बहस के समय विपक्ष ने भाजपा के कुछ नेताओं और मंत्रियों के विवादास्पद बयानों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भाजपा संसदीय दल की पहली बैठक में संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने सदस्यों से कहा कि उनमें से कुछ लोगों के उकसाने वाले बयानों का भाजपा विरोधी शक्तियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास के एजेंडे से लोगों का ध्यान हटाने के लिए इस्तेमाल कर रही हैं। बैठक के बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि सदस्यों के साथ बिहार समेत हाल में हुए चुनावों के बारे में चर्चा की गई। बिहार चुनाव में पार्टी की बड़ी हार हुई है। बैठक में पार्टी की विचारधारा का प्रसार करने की जरूरत बतायी गई।

नकवी ने वेंकैया के हवाले से कहा कि सांसदों से कहा गया कि वे समझदारी और गरिमा से अपनी बात को रखे। विवादों से बचने की जरूरत है एक ऐसे समय जब प्रधानमंत्री विकास के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं, जो कई लोगों को पच नहीं रहा है और हमारे किसी भी गलत कदम से भाजपा विरोधी शक्तियों को इसका लाभ मिलेगा। हमें उकसाने वाले बयान देने से बचना चाहिए।

बैठक में नायडू ने कहा कि संसद में असहिष्णुता के मुद्दे पर चल रही चर्चा के द्वारा उन लोगों को ‘बेनकाब’ किया जा रहा है जो देश को गुमराह कर रहे हैं। पार्टी सांसदों से यह भी कहा गया कि भाजपा नीत राजग सरकार में साम्प्रदायिक स्थिति नियंत्रण में हैं और चारों ओर सामाजिक सौहार्द है। नकवी ने बताया कि इस बैठक में मोदी के साथ कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच हुई ‘सकारात्मक चर्चा’ की भी जानकारी दी गई। उन्होंने जीएसटी का नाम लिये बिना कहा कि हम सबको उम्मीद है कि विकास के मुद्दों पर चर्चा होगी और उससे जुड़े विधेयकों को पारित किया जाएगा।