लखनऊ: देश की उन्नति के लिए तकनीकी शिक्षा का बहुत महत्व है। देश की शिक्षा की संस्कृति गुरूकुल से प्रारंभ है। जहां शिक्षक और गुरू का सम्बन्ध मात्र शिक्षा के ज्ञान तक ही सीमित नहीं रहता था। शिक्षा के साथ प्यार एवं आदर की भी शिक्षा दी जाती थी। आज की बदली हुई संस्कृति से यदि कुछ मिला है तो हमने कुछ खोया भी है। 

यह विचार राजकीय पालीटेक्निक में उ0प्र0 प्राविधिक शिक्षा सेवा संघ द्वारा प्राविधिक शिक्षा के उन्नयन में शिक्षकों के महत्व पर गोष्ठी का आयोजन एवं सम्मान समारोह में व्यक्त किये। उन्होने सभी शिक्षकों को अवगत कराया कि आपकी जो भी समस्या हो आप कभी भी हमारे पास आ सकते हैं। आपकी समस्या के निदान के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे। उन्होने कहा कि संघ की जो भी समस्याएं हैं उनका वरीयता क्रम मंे चार्ट तैयार कर हमारे पास लायें। हम मुख्यमंत्री से आपकी समस्याओं के निस्तारण हेतु प्रयास करेंगे। 

श्री किदवई ने कहा कि जब शिक्षक संतुष्ट होगा तभी वह अपने शिष्यों को अच्छी शिक्षा दे सकेगा। उ0प्र0 प्राविधिक शिक्षा सेवा संघ के महामंत्री श्री आर0पी0 निरंजन ने प्राविधिक शिक्षा मंत्री को शाल उढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह् भेंट कर सम्मानित किया तथा संघ के अध्यक्ष श्री अशोक कुशवाहा द्वारा आभार प्रकट किया गया। 

उ0प्र0 प्राविधिक शिक्षा सेवा संघ के महामंत्री श्री आर0पी0 निरंजन ने राजकीय पालीटेक्निक संस्थाओं में वर्तमान सेवा नियमावली में निहित पद से पद की समानता, वरिष्ठता, अनुभव एवं प्रोन्नति प्रक्रिया को यथावत रखते हुए अखिल भारतीय तकनीकी सेवा (ए0आई0सी0टी0ई0) वेतनमान लागू किय जाने के साथ ही विभाग में कार्यरत उच्च शिक्षा प्राप्त शिक्षकों को अखिल भारतीय तकनीकी सेवा (ए0आई0सी0टी0ई0) के अनुरूप वेतनमान दिये जाने की मांग की।