नागपुर: भारतीय कप्तान विराट कोहली ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि स्पिनरों की मददगार पिचें तैयार करने की कोई ‘नीति’ नहीं है लेकिन सपाट बल्लेबाजी के अनुकूल विकेट पर खेलने से कभी मैच विजेता गेंदबाज तैयार किए जा सकते।

कोहली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन भारत की जीत के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह नीति नहीं है। भारत में हमें ऐसी ही परिस्थितियां मिलती हैं। अन्यथा टेस्ट मैचों में 500 रन बनाकर आप इस तरह के गेंदबाज तैयार नहीं कर सकते और टेस्ट मैच नहीं जीत सकते। मैंने पहले भी कहा था कि टेस्ट मैच जीतना अहम है। आप दुनिया में कहीं भी जाओ आपको वहां की परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार होना चाहिए और उसी हिसाब से अपने खेल से तालमेल बिठाना पड़ता है।’’

यहां तक वह उन लोगों पर ताना कसने से भी नहीं चूके, जिन्होंने श्रीलंका में गाले टेस्ट मैच में हारने के बाद भारत की स्पिनरों की मददगार पिचों पर नहीं खेलने के लिए आलोचना की थी। कोहली ने कहा, ‘‘मुझे याद है कि कुछ समय पहले गाले में हमारी पारी ढह गई थी और किसी ने कहा कि हमारी बल्लेबाजी में तेज गेंदबाजों के सामने सुधार हो गया है, लेकिन हम यह नहीं जानते कि स्पिनरों को कैसे खेलना है और अब जबकि हम स्पिनरों की मददगार पिच पर खेल रहे हैं तो यह भी समस्या बन गई है। मैं नहीं जानता कि हमें आखिर संतुलन कहां मिलेगा।’’

भारतीय कप्तान ने दूसरे देशों के खिलाड़ियों की किसी का नाम लिए बिना आलोचना करते हुए कहा कि हजारों मील दूर बैठकर वे पिच को लेकर आलोचना कैसे कर सकते हैं।