नई दिल्ली: भारतीय संस्था मुस्लिम स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन ऑफ़ इंडिया (MSO)  के राष्ट्रीय महासचिव इंजिनियर शुजाअत अली क़ादरी  ने  असम के राज्यपाल पीबी आचार्य के विवादास्पद बयान की तीखी आलोचना और  घोर निंदा करते हुए कहा कि राज्यपाल का यह बयान असंवैधानिक, गैर जिम्मेदाराना  तथा अल्पसंख्यक विरोधी है, राज्यपाल के इस बयान पर उन्होंने  उनके खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा नहीं देता कि वे संविधान के विपरीत जाकर इस तरह का बयान दें।

श्री क़ादरी  ने यहां जारी एक बयान में कहा कि असम के राज्यपाल ने ‘हिन्दुस्तान सिर्फ हिन्दुओं के लिए’ का निहायत गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया है। एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा नहीं देता है, लेकिन दुर्भाग्यवश भाजपा की केंद्र सरकार ने इसी प्रकार की दूषित सोच रखने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से संबद्ध अनेक लोगों को उच्च संवैधानिक पदों पर बैठाया है, जो हमेशा संविधान की मूल मंशा के खिलाफ बोलते तथा काम करते हैं। 

श्री क़ादरी  ने कहा कि असम के राज्यपाल को फौरन माफ़ी मांगनी चाहिए .उन्होंने उनके खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि इस मामले में सख्त कार्रवाई करके नरेन्द्र मोदी सरकार को साबित करना चाहिए कि वे विदेश के दौरों में केवल वाहवाही लूटने वाली बातें नहीं करते हैं, बल्कि अब थोड़ा गंभीर हैं और संघ के फरमान से ज्यादा उन्हें देशहित की चिंता है।