कल्याणी: तेज गेंदबाज अशोक डिंडा की सात विकेट की मदद से बंगाल क्रिकेट अकादमी ग्राउंड की दोयम दर्जे की पिच पर मंगलवार को ओडि‍शा अपनी दूसरी पारी में महज 37 रन पर ही ऑल आउट हो गई। बंगाल को रणजी ट्राफी ग्रुप ए मैच में दूसरे दिन ही 133 रन से बड़ी जीत मिली। मेहमान टीम ने इसके तुरंत पिच की प्रकृति को लेकर बीसीसीआई में शिकायत दर्ज करा दी।

पिच शुरू से ही बल्लेबाजों के लिए कब्रगाह बनी रही। पहले दिन 77 ओवर के अंदर 20 विकेट गिरे जबकि दूसरे दिन लगभग 65 ओवर के अंदर इतने ही विकेट गिर गए। मैच के आखिरी 18 विकेट तो 38 रन के अंदर पवेलियन लौटे। ओडि‍शा के सामने 171 रन का लक्ष्य था लेकिन उसकी टीम 19.2 ओवर में 37 रन पर ऑल आउट हो गई, जो इस रणजी सत्र का न्यूनतम स्कोर है।

डिंडा ने हैट्रिक सहित 19 रन देकर सात और प्रज्ञान ओझा ने 14 रन देकर तीन विकेट लिए। बंगाल ने दूसरी पारी में केवल इन्हीं दो गेंदबाजों का इस्तेमाल किया। बंगाल ने अपनी दोनों पारियों में 142 और 135 रन बनाए। दोनों पारियों में उसके आठ बल्लेबाज दोहरे अंक में नहीं पहुंच पाए। मंगलवार को दूसरी पारी में उसने आखिरी आठ विकेट 33 रन के अंदर गंवाये थे।

ओडि‍शा की टीम मैच के बाद इतना नाराज थी उसके कप्तान नटराज बेहड़ा और ओसीए सचिव आशीर्वाद बेहड़ा ने पिच को लेकर शिकायत दर्ज करा दी। ओडिशा क्रिकेट संघ के सचिव ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि क्या आप प्रथम श्रेणी मैचों के लिए इस तरह की विकेट तैयार करते हैं। चार दिन के मैच का क्या मतलब है यदि आप अधूरे तैयार विकेट पर मैच करवाते हो जो डेढ़ दिन में समाप्त हो जाता है।

कप्तान नटराज बेहड़ा ने कहा कि हां हमारे मैनेजर ने मैच रेफरी शक्ति सिंह से आधिकारिक शिकायत दर्ज करा दी है। यह बेहद खतरनाक पिच थी। इस सत्र में दो दिन में समाप्त होने वाले एक अन्य मैच में भी मैच रेफरी रहे शक्ति सिंह ने ओडि‍शा टीम से शिकायत मिलने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि हां ओडि‍शा ने शिकायत दर्ज करा दी है और मैं इसे बीसीसीआई को भेजूंगा। मैं अपनी रिपोर्ट भी दूंगा। फैसला बीसीसीआई को करना है।

आलम यह था कि मैच रेफरी शक्ति सिंह को ब्रेक के दौरान पिच के हालात का आकलन करने के लिए मैदान पर उतरना पड़ा। नटराज ने कहा कि सोमवार को इस पिच पर खेलना बेहद मुश्किल था। बंगाल के दो बल्लेबाजों सुदीप चटर्जी और आमिर गनी के हेलमेट पर भी गेंद लगी, क्योंकि वे अचानक ही उछल गई थी। इससे हमारे खिलाड़ी भी डर गए। हमारे खिलाड़ी अनुराग सारंगी के हेलमेट पर भी गेंद ली। खिलाड़ी फंट्र फुट पर खेलने से डर रहे थे।

बंगाल के कोच साईराज बहुतुले ने कहा पिच दोनों टीमों के लिए समान थी। उन्होंने कहा कि यह ऐसी पिच थी जिस पर टिककर खेलना महत्वपूर्ण था। हमने बेहतर तरीके से बल्लेबाजी की। जब मैं खेलता था तब मैंने इससे भी खराब पिचें देखी थी। पिच को लेकर शिकायत करने का कोई मतलब नहीं बनता है।