श्रेणियाँ: कारोबार

वोडाफोन फाउंडेशन के सीएसआर कार्यक्रम ‘वर्ल्ड ऑफ डिफरेंस‘ पर केस स्टडी जारी

आज कॉर्पोरेट रेस्पॉन्सिबिल्टी  (सीएसआर), इम्पैक्ट निवेश और फिलेन्थ्रोपि भर के तमाम अग्रणी-जन भारत में वोडाफोन फाउंडेशन के प्रमुख सीएसआर पहल वर्ल्ड ऑफ डिफरेंस (डबल्यूओडी) के बारे में और भी पता लगाने के लिए एकत्रित हुए। पीएफसी सोशल इम्पैक्ट एड्वाइज़र्स द्वारा किए गए केस स्टडी के लॉंच के साथ मेल खाने के लिए समयबद्ध किया गया, यह एक सार्थक कॉर्पोरेट सामाजिक रेस्पॉन्सिबिल्टी  कार्यक्रम का गहराई से विश्लेषण प्रदान करता है, जोकि कर्मचारी नियुक्ति को उस समुदाय को प्रभावित करने के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करता है, जिसमें वोडाफोन इंडिया संचालित है।

आज “मेकिंग ए वर्ल्ड ऑफ डिफरेंस इन टैकलिंग विकेड प्रॉबलम्स अँड क्रिएटिंग डेलिबरेट लीडरशिप“ शीर्षक से इस अध्ययन को जारी किया गया। यह केस ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सेड बिजनेस स्कूल में ऑक्सफोर्ड इम्पैक्ट इन्वेस्टिंग प्रोग्राम में नेतृत्व और जटिलता पर बने पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में पढ़ाए जाने वाले मामलों की एक वैश्विक श्रृंखला का हिस्सा है। इसके अतिरिक्त, यह सामाजिक निवेश, परोपकार (फिलेन्थ्रोपि), और सोशल इम्पैक्ट के भविष्य पर बनी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस (एसयूपी) की आगामी पुस्तक “गुड, एविल, विकेडः द आर्ट, साइन्स एंड बिजनेस ऑफ गिविंग“ में प्रकाशित होगा।डबल्यूओडी कार्यक्रम वोडाफोन इंडिया के कर्मचारियों को सवेतन रहते हुए और सभी लाभ प्राप्त करते हुए, 8 सप्ताह की अवधि के लिए अपनी पसंद के धर्मार्थ संगठन में काम करने के लिए उनका समय, कौशल, विशेषज्ञता और जुनून प्रदान करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। नवंबर 2011 से अब तक, 128 कुशल कर्मचारियों ने महिला सशक्तिकरण को बाधित करने वाले मुद्दों को सुलझाने, प्रौद्योगिकी अंतराल का पता लगाने और क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 8 सप्ताह से भी अधिक समय के लिए विविध गैर सरकारी संगठनों के साथ 128 विभिन्न सामाजिक परियोजनाओं पर काम करते हुए अपना 56,910 मानव-घंटों से भी अधिक समय प्रदान किया है। सभी प्रतिभागी वास्तविक सामाजिक मुद्दों और चुनौतियों का सामना करने के लिए समुदायों के साथ स्वयं काम करने का अनुभव प्राप्त करने के साथ और भी अधिक मूल्यवान बनकर लौटे हैं।

इस अवसर पर बोलते हुए पी बालाजी, निदेशक  रेगुलेटरी, एक्सटर्नल अफेयर्स और सीएसआर, वोडाफोन इंडिया ने कहा, “भारत में वर्ल्ड ऑफ डिफरेंस कार्यक्रम की सफलता ने दर्शा दिया है कि कैसे एक प्रभावी ढंग से लागू किया गया सीएसआर पहल समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए भी कर्मचारी नियुक्ति का एक प्रेरणादायक और आकांक्षापूर्ण मॉडल बन सकता है। इसने औसत दर्जे के स्थिरता कार्यक्रम को विकसित करने के विभिन्न कारोबारों के लिए एक बेंचमार्क स्थापित किया है, जोकि समाज, व्यापार और कर्मचारियों के लिए मात्रात्मक लाभ प्राप्त होगा। वोडाफोन इंडिया में हमें इस यात्रा का एक हिस्सा बनने पर बेहद गर्व है।“

Share

हाल की खबर

सरयू नहर में नहाने गये तीन बच्चों की मौत, एक बालिका लापता

मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…

मई 1, 2024

बाइक सवार दोस्तों को घसीट कर ले गई कंबाइन मशीन, एक की मौत, दूसऱे की हालत गंभीर ,लखनऊ रेफर

बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…

मई 1, 2024

एचडीएफसी बैंक के पेजैप ऐप को ‘सेलेंट मॉडल बैंक’ का पुरस्कार मिला

मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…

मई 1, 2024

पत्रकारों के पेंशन और आवास की समस्या का होगा समाधानः अवनीष अवस्थी

-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…

मई 1, 2024

पिक्चर तो अभी बाक़ी है, दोस्त!

(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…

मई 1, 2024

आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां

(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…

मई 1, 2024