लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी के दौरे को राजनैतिक स्टंटबाजी करार देते हुए कहा कि बेहतर होता अपने सहयोगी समाजवादी पार्टी से बात-चीत कर किसानों की समस्या का समाधान कराते। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि राज्य की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के भरोसे संसद में प्रतिनिधित्व करते राहुल गांधी किसानो की समस्याओं को सपा नेतृत्व से बात-चीत कर सुलझायें। उन्होंने कहा नवम्बर खत्म होने को है अखिलेश सरकार ने अब तक ;ै।च्द्ध की घोषणा नहीं की।

सोमवार को पार्टी के राज्य मुख्यालय पर राहुल गांधी के दौरे पर तंज कसते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा दस वर्षो तक केन्द्र की यूपीए सरकार को उ0प्र0 के सत्तारूढ़ दल सपा-बसपा दोनों का समर्थन रहा। स्वाभाविक है यूपीए (कांग्रेस) के सहयोगी दल किसानों की वर्तमान दुर्दशा के लिए जिम्मेदार है फिर किसानों की बदहाली की जिम्मेदारी से कांग्रेस कैसे अपने-आपको अलग कर सकती है। राज्य में किसान परेशान है राज्य की दर्जनों चीनी मिलें सरकार की बंदर घुड़की के बावजूद पेराई नहीं शुरू कर पायी है। आज भी किसानों का हजारो करोड़ रूपये बकाया है अदालती हस्तक्षेप के बावजूद गन्ना मूल्य बकाये पर भुगतान का संकट बना हुआ है। लगातार अखिलेश सरकार में चीनी मिले देर से पेराई प्रारम्भ कर रही है जिसके कारण किसान अपने फसल को औने-पौने दामो पर बेचने को मजबूर है।

उन्होंने कहा कि अखिलेश राज में किसान अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है। राज्य के 69 जिले सूखाग्रस्त के स्थिति में थे घोषित हुए 50 जिले और जब सहायता देने की बारी आ रही है तो 21 जिलों में ही 33 प्रतिशत नुकसान के प्रस्ताव बन रहे है। जबकि आपसी अंर्तद्वन्द्ध में फंसी अखिलेश सरकार की मंत्री परिषद ने ही 50 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया। यही हाल राज्य में धान किसानों का है सरकार के कमीशन ऐजेन्ट नीति के कारण किसानों के धान की खरीद नहीं हो रही है। खुद राज्य के मुख्य सचिव जब समीक्षा करते है तो सूचनायें सरकार के पास भी सकारत्मक नहीं आती है। जन्मदिन के जश्न में डूबी सपाई सरकार महज बयानबाजी और घोषणाओं के आधार पर किसान हितैषी होने का दावा कर रही है। किसान वर्ष की घोषणा किन्तु सर्वाधिक किसान का उत्पीड़न वर्ष बन रहा है।

श्री पाठक ने कहा समाजवादी पार्टी और कांग्रेस एक दूसरे के विरूद्ध तल्ख टिप्पणियां तो कर रहे है। बिहार में महागठबंधन तो बाद में बना, उ0प्र0 में तो यह पहले से लागू है और इस तथ्यात्मक सच्चाई से कैसे इंकार किया जा सकता है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी हो अथवा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी दोनों को संसद की दहलीज पर पहुंचने में समाजवादी पार्टी की प्रमुख भूमिका रही है। गन्ने का समर्थन मूल्य 350 रूपये प्रति कुन्टल की दर से शीघ्र घोषित किये जाने की मांग करते हुए प्रवक्ता ने कहा कि शीघ्र चीनी मिले चालू कराई जाये, सरकार के नीतियों के वजह से धान क्रय केन्द्रो से विमुख होते किसान का धान खरीदा जाये।