नई दिल्ली: कांग्रेस ने असम के राज्यपाल पी. वी. आचार्य के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा नियुक्त राज्यपाल संवैधानिक मर्यादाओं को भूल रहे हैं और संवैधानिक पद पर होते हुए भी वे स्वयं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रचारक ही समझते हैं। 

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अगर यह बयान सचमुच राज्यपाल का ही है कि  ‘हिंदुओं के लिए हिंदुस्तान है, इसमें विवाद जैसी कोई बात नहीं है” तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी कड़े शब्दों में भर्त्सना की जानी चाहिए। संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति इस तरह के बयान देता हो उसकी निंदा के लिए उनके पास शब्द नहीं है।

उन्होंने कहा कि यह सोच संघ के प्रचारक रहे असम के राज्यपाल की ही नहीं है बल्कि भाजपा के सांसद, विधायक और यहां तक केंद्रीय मंत्री भी लगातार इसी तरह के बयान दे रहे हैं। 

उन्होंने इसे विभाजनकारी सोच बताया और कहा कि इसी सोच के कारण देश का बंटवारा हुआ था। यही असहिष्णुता है और भाजपा के नेता ही नहीं उसके द्वारा संवैधानिक पदों पर नियुक्त लोग भी इसी तरह का बयान दे रहे हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी का असम चुनाव को देखते हुए राजनीति ध्रुवीकरण की कोशिश करने में जुट गई है और अब उसने इस प्रयास में राज्यपाल को भी शामिल कर दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव परिणाम से सबक लेते हुए भाजपा को ध्रुवीकरण की राजनीति करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।