सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट पेश, वेतन में 23.5 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्‍ताव

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के करीब 50,000 कर्मचारियों को एक बड़ी सौगात देते हुए सातवें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में उनके वेतन और भत्ते 23.55 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश की है। वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपी गई वेतन आयोग की रिपोर्ट में मौजूदा कमर्चारियों के मूल वेतन में 16%, भत्तों में 63% और पेंशन में 24% इजाफे की सिफारिश की गई है।

न्यायमूर्ति एके माथुर की अगुवाई वाले इस सातवें वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार और अधिकतम 2.25 लाख रुपये तय करने की सिफारिश की है। इसके अलावा आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में सालाना तीन फीसदी वृद्धि की भी सिफारिश की है।

आयोग की रिपोर्ट में सशस्त्र सैन्यकर्मियों के साथ-साथ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए भी वन रैंक- वन पेंशन की सिफारिश की गई है। वेतन आयोग की इन सिफारिशों का 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और रिटायर्ड रक्षाकर्मियों सहित 52 लाख पेंशनरों को फायदा होगा। वहीं इस वजह से सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा, जिसमें 28,000 करोड़ रुपये रेलवे बजट में जाएगा।

इस आयोग में चेयरमैन के अलावा आयोग के अन्य सदस्यों में 1978 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी विवेक राय, अर्थशास्त्री रथिन राय शामिल हैं। मीना अग्रवाल आयोग की सचिव हैं। केंद्र सरकार प्रत्येक 10 साल बाद अपने कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन के लिए वेतन आयोग का गठन करती है। छठा वेतन आयोग 1 जनवरी, 2006 से लागू हुआ था और उम्मीद है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू हो जाएंगी। आमतौर पर राज्यों द्वारा भी कुछ संशोधनों के साथ इन्हें अपनाया जाता है।