नई दिल्‍ली: दिल्‍ली एवं जिला क्रिकेट संघ यानि DDCA में धांधली की जांच के लिए बने दिल्ली सरकार के जांच पैनल ने DDCA को निलंबित करने की सिफ़ारिश की है। जांच पैनल ने दिल्ली सरकार को रिपोर्ट में लिखा है कि वो बीसीसीआई से DDCA को निलंबित करने की सिफ़ारिश करें। जांच पैनल ने अपनी सिफ़ारिशों में DDCA की कमान पूर्व क्रिकटरों के हाथ में देने को भी कहा है और ये भी बोला कि DDCA को RTI के दायरे में आना चाहिए।

वहीं, दिल्‍ली हाइकोर्ट ने DDCA से कहा है कि अगर उसे राहत चाहिए तो दोपहर दो बजे एक करोड़ रुपये के साथ आएं। साथ ही कोर्ट ने पूछा कि उसने इस मसले में अदालत तक आने में इतनी देरी क्‍यों की?

वहीं, दिल्ली के फ़िरोज़शाह कोटला में भारत-दक्षिण अफ़्रीका के बीच चौथा टेस्ट खेला जाएगा या नहीं इसका पता भी आज चल जाएगा। दिल्ली क्रिकेट संघ द्वारा आज बीसीसीआई को जवाब देने का आख़िरी दिन है। कल डीडीसीए के अधिकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मिले थे, लेकिन ख़बरों के मुताबिक दिल्ली सरकार ने बिना बकाए रकम चुकाए, मैच आयोजन की इजाज़त नहीं दी है।

गौरतलब है कि बीसीसीआई के सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा था कि अगर दिल्ली में टेस्ट मैच का आयोजन नहीं होता है तो उसे अगले साल होने वाले T20 वर्ल्ड कप के मैच नहीं दिए जाएंगे।

दरअसल, पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी और मदनलाल ने कुछ दिन पूर्व ही अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी और उनसे डीडीसीए को ‘साफ सुथरा’ करने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था। इसके बाद दिल्‍ली सरकार की तरफ से सतर्कता विभाग के प्रधान सचिव चेतन सांघी की अगुवाई वाली समिति को डीडीसीए में वित्तीय धोखाधड़ी और ढांचागत अनियमितताओं की जांच करने को कहा गया था।

इसके बाद डीडीसीए के 13 सदस्य तीन सदस्यीय जांच समिति के समक्ष उपस्थित हुए थे। सूत्रों के अनुसार, ‘समिति ने अधिकारियों से यह भी जानना चाहा कि डीडीसीए अधिकारी राजधानी में क्रिकेट के विकास के लिए क्या कर रहे हैं जबकि केंद्र की इतनी एजेंसियां उनकी जांच कर रहे हैं और इससे दिल्ली का नाम बदनाम हो रहा है।’ सूत्रों की मानें तो जांच समिति ने डीडीसीए अधिकारियों को गलत तस्वीर पेश करने के लिए भी लताड़ लगाई।