इस्लामिक स्टेट के पेरिस पर हुए हमले ने दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इस्लामिक स्टेट के खिलाफ हर देश से तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक बार फिर कहा कि इसका खात्मा करना होगा। साथ ही अमेरिका और फ्रांस ने इसी के चलते खुफिया जानकारियां साझा करने का समझौता भी किया। भारत ने भी आईएस के खिलाफ फ्रांस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की बात कही।

वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि आईएस को कुछ देशों से पैसा पहुंच रहा है, जिसमें जी-20 से जुड़े देश भी शामिल हैं। आईएस को फंडिंग करने की इस लिस्ट में कुल 40 देशों का नाम है। यही नहीं जिन देशों से पैसा पहुंच रहा है, उस पर पुतिन ने खुफिया जानकारियां भी साझा कीं। पुतिन ने साथ ही कहा कि आईएस तेल का गैरकानूनी कारोबार करता है। इसे भी खत्म करने की जरूरत है।

फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा है कि उनका देश आईएस को खत्म करके ही दम लेगा। संसद के एक संयुक्त सत्र में ओलांद ने कहा कि आतंकवाद देश को बर्बाद नहीं करेगा, क्योंकि देश आतंकवाद को खत्म कर देगा। इसके साथ ही ओलांद ने रक्षा क्षेत्र में ज़्यादा खर्च करने पर भी जोर दिया।

ओबामा ने दो दिनों के जी-20 शिखर सम्मेलन के समापन पर संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘हम जो रणनीति आगे रख रहे हैं वह आखिरकार काम करने जा रही है। इसमें वक्त लगेगा।’ आईएस की क्षमता को कम कर आंकने के बारे में बार-बार सवाल पूछे जाने से ओबामा खीझ गए। उन्होंने क्षेत्र में अमेरिका के जमीनी सैनिकों (थल सेना) को भेजने की बात खारिज करते हुए कहा कि यह एक गलती होगी और क्षेत्र में एक स्थायी कब्जा लेने वाले बल की प्रतिबद्धता नहीं होने तक यह काम नहीं करेगा। उन्होंने कहा, ‘जब सैनिक भेजे जाएंगे, वे सैनिक घायल होंगे। वे मारे जाएंगे।’ नई रणनीति बताने की बजाय ओबामा ने कहा कि अमेरिका अभी चल रहे हवाई हमलों में तेजी लाएगा।