नई दिल्ली: रविवार को हिन्दू महासभा ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की 66वीं बरसी को ‘बलिदान दिवस’ के रुप में मनाया जिसके तहत इस संगठन ने गोडसे के जीवन से समर्पित एक वेबसाइट की शुरुआत भी की है। हिंदु महासभा की  इस कार्रवाई पर RSS के वरिष्ठ विचारक एम जी वैद्य ने कहा कि गोडसे को ‘गौरवान्वित’करने की किसी भी तरह की कोशिश को सही नहीं ठहराया जा सकता है।  30 जनवरी, 1948 को गांधीजी की हत्या करने के बाद गोडसे को दोषी करार करके 15 नवंबर, 1949 को फांसी पर लटका दिया गया।

इधर हिन्दू महासभा के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश कौशिक ने समाचार एजेंसी पीटीआई से  बातचीत में कहा ‘हमने भारत में 100 जगहों पर गोडसे का शहादत दिवस मनाया है। हमारी मेरठ शाखा ने गोडसे के जीवन पर समर्पित एक वेबसाइट शुरू की है, साथ ही उनके आदर्शों पर दिल्ली में एक किताब भी जारी की गयी है। हिंदु महासभा के शहादत दिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक एम जी वैद्य ने कहा ‘मुझे नहीं पता कि कौन सा संगठन गोडसे को गौरवान्वित कर रहा है लेकिन मेरा मानना है कि ऐसा करना गलत है।’

आरएसएस विचारक ने कहा कि गांधी और गोडसे की विचारधाराएं अलग हो सकती हैं लेकिन वैचारिक मतभेद की लड़ाई को उसी माध्यम से ही लड़ा जाना चाहिए और इसके लिए रक्तपात की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि गांधी ने अपने जीवनकाल में आजादी को लेकर जागरूकता फैलाई है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि ‘हम उनकी सभी नीतियों से सहमत होंगे।’

वैद्य ने साफ किया की कुछ लोग कहते हैं कि गोडसे को महिमा मंडित करने से हिन्दुत्व का गौरव बढ़ेगा बल्कि इससे धर्म का नाम खराब होगा। उन्होंने यह भी माना कि गांधी की हत्या से हिन्दुत्व पर उलटा असर पड़ा है। वहीं भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन ने भी कहा कि उनकी पार्टी महात्मा गांधी के सिद्धांतों और दर्शन में विश्वास करती है और गोडसे को उनका हत्यारा मानती है।

इधर कांग्रेस ने ठाणे, महाराष्ट्र में गोडसे का पुतला जलाया और आरोप लगाया है कि हिंदु महासभा के कार्यक्रम को भाजपा का समर्थन हासिल है जिस पर हुसैन ने कहा कि कोई गोडसे की ‘जयंती’ मनाता है तो इसके लिए भाजपा को दोषी कैसे ठहराया जा सकता है। यह कांग्रेस की सस्ती राजनीति का उदाहरण है। हुसैन ने कहा कि कांग्रेस महात्मा गांधी के नाम का इस्तेमाल तो करती है लेकिन उनके दर्शन को भूल चुकी है।