चित्रकूट। भारतीय जनता पार्टी में एक बार फिर साठ साल की उम्र पार कर चुके नेताओं के राजनैतिक संन्यास की चर्चा को हवा मिल सकती है। चित्रकूट में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने नानाजी देशमुख की मिशाल पेश करते हुए इस पड़ाव में पहुंच चुके नेताओं को समाजसेवा करने की सलाह दी है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह धर्मनगरी में शनिवार को संत रणछोरदास महराज के सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय के अत्याधुनिक भवन का शुभारंभ करने आए थे। इसके पहले वह नानाजी देशमुख को श्रद्धासुमन अर्पित करने उनके आवास सियाराम कुटीर पहुंचे और उनके विभिन्न प्रकल्पों को नजदीक से देखा। चित्रकूट में हुए सामाजिक कार्यों से शाह इतना प्रभावित हुए कि साठ साल की उम्र पार कर चुके नेताओं को राजनीति न करने की सलाह दे डाली। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम की तपोभूमि ऊर्जा की परिचायक है।

पहले रणछोरदास जी महराज ने अपने सामाजिक कार्यों से राजनीति की पूरी दुनिया को संदेश दिया था कि साठ साल से ऊपर की उम्र के बाद समाजसेवा करना चाहिए। नानाजी तभी इसी धरा पर ग्रामोत्थान का प्रकल्प लेकर यहां बैठे। राजनीति में काम करने वालों के लिए नानाजी बहुत बड़ा उदाहरण हैं। नानाजी का जीवन एक संदेश है। इस जमाने में राजनीति की आज जो व्याख्या होती है और परिचय बन गया है शायद ही कोई मानता है कि सेवा का भाव कहीं पर बचा है।

इसी जमाने में कुछ साल पहले एक शख्श ऐसा भी था जो उस समय यदि चाहता तो राष्ट्रपति बन सकता था या किसी अन्य उच्च पद पर आसीन हो सकता था लेकिन उन्होंने कहा कि साठ साल पूरे हो गए हैं अब राजनीति नहीं, समाजसेवा करनी चाहिए। वह थे नानाजी जिन्होंने चित्रकूट में ग्रामोत्थान का ऐसा प्रकल्प तैयार किया कि देश दुनिया के लिए मिशाल है। मीडिया के घेरने के बावजूद भी शाह ने बिहार चुनाव को लेकर मुंह नहीं खोला।