नई दिल्ली: रेलवे ने टिकट रद्द कराने के शुल्क को दोगुना कर दिया है और शुल्क वापसी के नियमों में बदलाव का प्रस्ताव किया है ताकि जरूरतमंद यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिल सकें। नए नियमों के मुताबिक, ट्रेन के प्रस्थान के बाद शुल्क वापस नहीं किया जाएगा। ट्रेन के प्रस्थान से चार घंटे पहले शुल्क वापसी की राशि प्राप्त करना जरूरी होगा। पुनरीक्षित शुल्क वापसी नियम 12 नवंबर से प्रभावी होंगे।
द्वितीय श्रेणी का कन्फर्म टिकट यदि ट्रेन के प्रस्थान करने के निर्धारित समय से 48 घंटे पहले रद्द किया जाता है तो उसके लिए अब 30 रुपये के बजाय 60 रुपये काटे जाएंगे, जबकि तृतीय एसी के टिकट पर अब 90 रुपये की जगह 180 रुपये काटे जाएंगे। प्रतीक्षा सूची वाले टिकट और रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन (आरएएसी) वाले टिकट के लिए ट्रेन के प्रस्थान के निर्धारित समय से आधा घंटा पहले तक वापसी शुल्क लेना होगा और उसके बाद शुल्क वापस नहीं किया जाएगा। शुक्रवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक, द्वितीय स्लीपर क्लास के टिकट रद्द कराने पर पहले 60 रुपये कटते थे, अब 120 रुपये कटेंगे। द्वितीय एसी के टिकट रद्द कराने पर पहले 100 रुपये कटते थे, अब 200 रुपये कटेंगे।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रेलवे यात्री (टिकट निरस्तीकरण एवं भाड़े की वापसी) नियम, 2015 में संशोधन का मकसद दुरुपयोग की गुंजाइश को खत्म करना है । अब ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से पहले 48 घंटे और 12 घंटे के बीच निरस्त कराने का शुल्क टिकट का 25 फीसदी होगा। पहले ट्रेन के प्रस्थान से पहले 48 घंटे और 6 घंटे के बीच निरस्त कराने का शुल्क टिकट का 25 फीसदी था। पहले ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से छह घंटे पहले और ट्रेन के वास्तविक प्रस्थान के दो घंटे बाद तक टिकट रद्द कराने का शुल्क टिकट का 50 फीसदी था।
बहरहाल, पुनरीक्षित नियमों में तय किया गया है कि ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से पहले 12 घंटे और चार घंटे के बीच रद्द करने का शुल्क टिकट का 50 फीसदी होगा। अधिकारियों ने बताया कि टिकटों की कालाबाजारी करने वाले दलालों को हतोत्साहित करने के लिए नियमों को पुनरीक्षित किया गया है। रेलवे ने आरक्षित टिकटों को रद्द कराने पर शुल्क वापसी के लिए कुछ अनारक्षित टिकट काउंटरों द्वारा यह यह सेवा प्रदान करने का फैसला किया है।
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