लखनऊ:  उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी ने देश के उर्दू लेखकों, कवियों, प्रकाशकों एवं कातिबों को उनकी साहित्यिक वि़धा पर पुस्कार देने का निर्णय लिया है। पुरस्कार के लिए उर्दू अकादमी ने 01 जनवरी 2015 से 31 दिसम्बर 2015 के मध्य प्रकाशित पुस्तकंे 15 जनवरी, 2016 को शाम 5ः00 बजे तक आमंत्रित की हैं।

सचिव, उर्दू अकादमी, एस0 रिजवान ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस पुरस्कार के लिये पुस्तकंे लेखक, संकलनकर्ता या उनके प्रकाशक भेज सकते हैं। हर लेखक, शायर, संकलनकर्ता को पुरस्कार के लिये छपी पुस्तकों की आठ प्रतियां भेजना आवश्यक होगा। कातिबों के लिये प्रकाशित किताब की एक प्रति और प्रकाशक के लिए दो-दो छपी प्रति भेजनी अनिवार्य होगी। ऐसे लेखकों को जिन्हें अकादमी की ओर से साहित्यिक सेवा पर कोई पुरस्कार मिल चुका हो उनकी पुस्तक पर पांच वर्ष तक विचार नहीं किया जायेगा। इसी प्रकार पुस्तक पर पुरस्कार प्राप्तकर्ता लेखकों आदि को लगातार दो वर्ष पुरस्कार नहीं दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त यदि किसी लेखक ने विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें पुरस्कार के लिये भेजी हैं तो उनमें से केवल एक ही पुस्तक पर पुरस्कार दिया जायेगा।

पुरस्कार के लिये प्राप्त कोई पुस्तक किसी भी दशा में वापस नहीं की जायेगी। उर्दू प्रकाशक, प्रेस और कातिब को भी पुरस्कार के लिये अकादमी के नियमों के अनुसार पुस्तकें भेजनी होंगी। निर्धारित इकरारनामा और नियमावली उ0प्र0 उर्दू अकादमी, विभूति खण्ड गोमती नगर लखनऊ से कार्यालय समय में डाक या व्यक्तिगत रूप से प्राप्त किये जा सकते हंै।

पुरस्कार हेतु भेजी जाने वाली पुस्तकें सचिव, उ0प्र0 उर्दू अकादमी, विभूति खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ को डाक द्वारा अथवा व्यक्तिगत रूप से इस तरह भेजी जायें कि वह प्रत्येक दशा में 15 जनवरी, 2016 को सायं 5ः00 बजे तक अवश्य प्राप्त हो जायें। निर्धारित तिथि तथा समय के पश्चात प्राप्त पुस्तकों पर कोई विचार नहीं किया जायेगा।

पुरस्कार से संबंधित पूर्ण विवरण के लिये अकादमी के कार्यालय विभूति खण्ड, गोमती नगर लखनऊ से सम्पर्क किया जा सकता है।