पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव के अंतिम दौर के मतदान से पहले गाय पर बीजेपी के विज्ञापन से नाराज चुनाव आयोग ने अपना रुख कड़ा करते हुए निर्देश दिया है कि बिना अनुमित कल कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया जाए। राज्य में गुरुवार को आखिरी दौर के मतदान में 57 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।

चुनाव आयोग ने याद दिलाया कि उसने अखबारों को ऐसा कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं करने का निर्देश दिया था, जिनसे नफरत, दुर्भावना या द्वेष का माहौल बनने की आशंका हो। आयोग ने अपने नए परामर्श में कहा कि उसके निर्देश के बावजूद इस तरह की प्रवृत्ति के कुछ विज्ञापन संज्ञान में आये हैं जो बुधवार को बिहार के अखबारों में प्रकाशित हुए हैं।

आयोग ने अनुच्छेद-324 के तहत मिले संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए कहा, गुरुवार को मतदान के दिन इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो और किसी भड़काऊ या नफरत फैलाने वाले विज्ञापन की वजह से कोई अप्रिय घटना नहीं घटे, यह सुनिश्चित करने के लिए आयोग निर्देश देता है कि कोई राजनीतिक दल या उम्मीदवार या अन्य कोई संगठन या व्यक्ति अखबारों में तब तक विज्ञापन प्रकाशित नहीं करेगा जब, तक प्रस्तावित सामग्री को मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (एमसीएमसी) से पूर्व सत्यापित नहीं करा लिया जाता।

आयोग के इस कदम से पहले जेडीयू और कांग्रेस समेत महागठबंधन ने विज्ञापन के खिलाफ शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि इसका मकसद सांप्रदायिक नफरत पैदा कर बिहार चुनावों का ध्रुवीकरण करना है।