इस्लामाबाद : पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा और सलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के मीडिया कवरेज पर पाबंदी लगा दी है। पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेशन ऑथोरिटी ने इस बाबत नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के ही हिस्से हैं। पाकिस्तान की तरफ से ऐसा पहली बार माना गया है।

पेमरा ने यह कदम पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्रालय से मिले दिशा-निर्देश पर उठाया है। अब पाकिस्तान में इन संगठनों से जुड़ी खबरों आदि को नहीं दिखाया जा सकेगा। पाकिस्तान के इस कदम को पिछले महीने 20 से 23 अक्टूबर के बीच प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के अमेरिका दौरे से जोड़कर देखा जा रहा है। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से हुई द्विपक्षीय बातचीत के दौरान शरीफ से अमेरिका ने भरोसा लिया था कि जमात-उद-दावा और लश्कर जैसे आतंकी संगठन पर वह असरदार कार्रवाई करेगा।

पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी नेशनल एक्शन प्लान नीति के तहत इस कदम को उठाया है। पिछले साल दिसंबर में पेशावर स्कूल में आतंकी हमले में क़रीब 150 लोग मारे गए थे, जिनमें ज़्यादातर बच्चे थे। आतंकवाद पर काबू के लिए उसके बाद ही पाकिस्तान ने नैप बनाया था।

पाकिस्तान का यह कदम इस लिहाज से महत्वपूर्ण है, क्योंकि पाकिस्तान यूएन की प्रतिबंधित सूची में होने के बावजदू अब तक जमात-उद-दावा को आतंकी संगठन मानने से इनकार करता रहा था। उसकी नज़र में ये सामाजिक संगठन था, लेकिन अमेरिकी दबाव का ही नतीजा है कि पाकिस्तान इस दिशा में एक कदम बढ़ाने को मजबूर हुआ है।

इससे पहले सितंबर में भारतीय विदेशमंत्री सुषमा स्वराज और अमेरिकी रक्षामंत्री जॉन कैरी के बीच हुई मुलाकात के बाद जारी संयुक्त घोषणापत्र में लश्कर और जमात पर असरदार कार्रवाई के लिए मिलकर काम करने की बात कही गई थी। लिहाजा भारत के लिए इसे एक कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा सकता है।