मुंबई: एफएम रेडियो नीलामी के तीसरे चरण के प्रथम खंड को मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया से सभी काफी खुश हैं। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अनुमान जताया है कि इससे सरकार को करीब 5,000 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति होने की संभावना है।

क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमारा अनुमान है कि तीसरे चरण की नीलामी से सरकार को करीब 5,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। इसमें तीसरे चरण की नीलामी के पहले बैच के तहत 97 फ्रिक्वेंसी (स्पेक्ट्रम लाइसेंस) से 1,150 करोड़ रुपये, 226 फ्रिक्वेंसी को दूसरे चरण से तीसरे चरण (के लाइसेंस) में ले जाने की अनुमानित में 1,900-2,000 करोड़ रुपये और लाइसेंस शुल्क से अनुमानित 2,000-2,300 करोड़ रुपये शामिल है।’ यह राशि सरकार को पहले दो चरणों से हुई अनुमानित 1,500-1,700 करोड़ रुपये की प्राप्ति से काफी ज्यादा है।

तीसरे चरण में पहली सूची 135 स्पेक्ट्रम (लाइसेंस) की नीलामी 27 जुलाई को शुरू हुई और 16 सितंबर को सम्पन्न हुई। इस दौरान 97 का बोलियों के आधार पर अस्थायी आवंटन किया गया है। इसमें बाकी बचे लाइसेंस को दूसरी सूची के स्पेक्ट्रम के साथ नीलाम किया जा सकता है। तीसरे दौर के दूसरे चक्र की नीलामी का कार्यक्रम अभी घोषित नहीं किया गया है।

एसेंसी का अनुमान है कि तीसरे दौर की नीलामी में पांच कंपनियां टाइम्स ग्रुप, एचटी मीडिया, रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क, म्यूजिक ब्रॉडकास्ट और डिजिटल रेडियो सबसे ज्यादा खर्च करने वाली कंपनियां होगी। मौजूदा 40 फीसदी स्पेक्ट्रम इनके पास है।

लाइसेंस शुल्क के रूप में इनकी ओर से पेशगी के तौर पर 3,000 करोड़ रुपये जमा कराए जाने की उम्मीद है।