लखनऊ । “यदि आगामी सत्र के लिए गन्ना मूल्य 350 प्रति कुन्तल तथा चीनी मिलांे के पेराई प्रारम्भ करने की तिथि न घोषित की गयी तो 6 नवम्बर को गन्ना आयुक्त का घेराव करेगा राष्ट्रीय लोकदल” यह घोषणा आज राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेषीय मुख्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान की। उन्होंने आगे कहा कि उ0प्र0 में चीनी उद्योग सबसे प्रमुख उद्योग होने के बावजूद भी दोनो सरकारे पिछले बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान को लेकर मौन है और आगामी सत्र के लिए सरकार ने गन्ने का रेट तक तय नहीं किया है। अभी तक किसी भी चीनी मिल में पेराई प्रारम्भ नहीं हो सकी है जबकि 15 अक्टूबर तक पश्चिमी उ0प्र0 की और 15 नवम्बर तक पूर्वी उ0प्र0 की सभी चीनी मिलों में पेराई प्रारम्भ हो जाती थी। चीनी मिलें न चलने के कारण किसान अपना गन्ना 170-200 रूपये प्रति कुन्तल क्रेषर पर बेचने को मजबूर है प्रदेश सरकार द्वारा चीनी मिलों को तमाम रियायतें देने के बावजूद चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का इस समय भी अरबों रूपया बकाया है लेकिन मिल मालिकों पर सख्त कार्यवाही करने के बजाय प्रदेष सरकार चीनी मिल मालिकों का हित ही साधने में लगी है। अभी तक गन्ने का अनुरक्षण भी जारी नहीं किया गया है जिससे उहापोह की स्थिति है। 

चौहान ने कहा कि पहले से ही किसान की तीन फसले बर्बाद हो गयी है और अब सूखे ने किसानों को और अर्थिक चोट पहुंचाने काम किया है उन्होंने कहा कि सपा मुखिया ने चुनाव पूर्व किसानों से वादा किया था कि गेहूं धान आदि प्रमुख फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य का डेढ़ गुना का भुगतान किया जायेगा और केन्द्र सरकार ने गन्ना किसानों को स्वामीनाथन कमेंटी के अनुसार लाभकारी मूल्य दिया जायेगा और सपा ने चुनाव पूर्व 400रू प्रति कुन्तल गन्ना मूल्य देने का वादा किया था परन्तु गत 2 वर्षों से गन्ना मूल्य में कोई इजाफा नहीं किया गया इसके विपरीत गन्ना मूल्य किश्तों में देने का आदेश जारी कर दिया गया और वह अभी तक मिल भी नहीं सका है। अभी तक धान क्रय केन्द्र न चलने से किसान हजार रूपये प्रति कुन्तल धान बेच रहा है जबकि उपभोक्ता को चावल आज भी 40 रूपये प्रति किलों मिल रहा है। सरकारों की अदूरदर्शिता के कारण किसानों को उपज का लाभकारी मूल्य भी नहीं मिल रहा है और उपभोक्ता मंहगे दामों पर खरीदने का मजबूर है इससे साबित होता है कि सरकार की नीतियां बिचैलियों को फायदा पहुंचाने वाली हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार पर सवाल उठाते हुये कहा कि पहले सरकार ने 7-17 रूपये प्रति किलों की दर से प्याज का निर्यात किया और अब 40-45 रूपये में आयात कर रही है इसी तरह प्रधानमंत्री का यह वक्तव्य कि देश में दलहन के उत्पादन में वृद्वि हुयी परन्तु दालों का भाव आसमान छू रहा है ऐसे में प्रधानमंत्री के निर्णय और वक्तव्य दोनो पर सवालिया निशान लग जाता है।  

चौहान ने आगे कहा कि प्रदेश में दैवीय आपदा से लगभग 83 लाख हेक्टेयर फसल प्रभावित हुयी जिसमें 33 प्रतिषत से ज्यादा का नुकसान हुआ है क्षतिपूर्ति के रूप में 2400 करोड का भुगतान प्रदेश सरकार द्वारा किया गया है जो ऊँट के मुंह में जीरा साबित हुआ है। पिछले फसल के नुकसान का सर्वे कराने में विफल सरकार पुनः सूखे से नुकसान हुये फसल का सर्वे कराने का ढोंग कर रही है जबकि सेटेलाइट से सर्वे कराकर नुकसान का सही आंकलन किया जा सकता था अब जबकि धान की फसल लगभग कट चुकी है तो सरकार नुकसान का सर्वे कराने की बात कर रही है जो किसानों के साथ धोखा है। प्रदेश सरकार लगातार किसानों की अनदेखी कर रही है। लगातार दैवीय आपदा से किसानों की तीन फसल बर्बाद हो चुकी है इसलिए प्रदेश सरकार को तत्काल किसानों का बिजली का बिल तथा अन्य कृषि ऋण की वसूली स्थगित करते हुये इसको माफ करने की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल किसानों की अनदेखी को बर्दाश्त नहीं करेगा यदि दोनो सरकारे शीघ्र न चेती तो राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता बड़ा आन्दोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

आज रालोद के प्रदेष मुख्यालय पर कुषीनगर के कन्हैया पाण्डेय ने राष्ट्रीय लोकदल की सदस्यता ग्रहण की। श्री पाण्डेय पूर्व में भाजपा के जिलाध्यक्ष रहने के साथ साथ दो बार पड़रौना विधान सभा से चुनाव भी लड़ चुके है और वर्तमान समय में काॅग्रेस में संगठन मंत्री के रूप में कार्य कर रहे थे। उन्होंने चै0 अजित सिंह के नेतृत्व में आस्था व्यक्त करते हुये राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष के सम्मुख राष्ट्रीय लोकदल का दामन थामा। इस अवसर पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ओंकार सिंह, राष्ट्रीय लोकदल मध्य उ0प्र0 के अध्यक्ष राकेष कुमार सिंह मुन्ना तथा लखनऊ महानगर के अध्यक्ष धिमान चतुर्वेदी, कुषीनगर के जिलाध्यक्ष रामभुवन राव और विजय सब्बरवाल मौजूद थे।