लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने सपा सरकार के मंत्री मण्डल के विस्तार को ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ बताया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने इस मंत्रिमण्डल विस्तार को ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ बताया। उन्होंने कहा कि इस विस्तार से सपा सरकार की छवि ठीक होने वाली नहीं और न ही कार्यदक्षता सुधरने वाली हैं।

डा0 बाजपेयी ने कहा कि यदि छवि सुधार ईमानदारी से किया गया होता तो मंत्री गायत्री प्रजापति को भी बर्खास्त किया जाना चाहिए था। सपा सरकार में सी.एम.ओ. का अपहरण कर पीटने वाले पण्डित सिंह की पदोन्नति न हुई होती। पवन पाण्डेय को पहले हटाया क्यों था ? अब बनाया क्यों ? सपा सरकार के मंत्री आजम खां भी वैभनस्य की भाषा बोलने के बाद भी मंत्री परिषद में न होते।

डा0 बाजपेयी ने मुख्यमंत्री से पूछा कि पत्रकार के हत्या के आरोपी राममूर्ति सिंह, मंत्री पारसनाथ यादव, महबूब अली व कैलाश चैरसिया भी बर्खास्त होने चाहिए थे। दागी अभी बड़े पैमाने पर मंत्रिमण्डल की शोभा बढ़ा रहे है।

डा0 बाजपेयी ने कहा कि यदि कार्यदक्षता आधार है तो गृह विभाग स्वयं मुख्यमंत्री जी के पास है। प्रदेश के कानून व्यवस्था ध्वस्त है। प्रदेश में 622 बार पुलिस पिटी है तथा महिलाओं पर 49 प्रतिशत अपराध बड़े है। उच्च शिक्षा का भी हाल बुरा है। कृषि और बिजली की हालत पस्त है। अतः मंत्री परिषद का विस्तार कार्यदक्षता का पैमाना नहीं है यदि होता तो मुख्यमंत्री जी के पास विभागों की स्थिति दयनीय है।

डा0 बाजपेयी ने आरोप लगाया कि इस विस्तार वास्तव में घर के राजनैतिक समीकरण को दुरूस्त किया गया है। सच में ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ कहावत चरितार्थ हुई है।