लखनऊ। अकाली दल के वरिष्ठ नेता बलवंत सिंह रामूवालिया पार्टी छोड़ कर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हो लिए हैं। सपा सरकार में अखिलेश ने बलवंत सिंह को कैबिनेट मंत्री के तौर पर जगह दी है। दिलचस्प बात है कि रामूवालिया विधानसभा या विधानपरिषद दोनों में से किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। रामूवालिया पंजाब के रहने वाले हैं और केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं। 2011 में उन्होंने अपनी पार्टी बनाई थी जिसका बाद में अकाली दल में विलय हो गया था। रामूवालिया को शुक्रवार रात को ही गाजियाबाद का निवासी बनाया गया।
रामूवालिया उन 12 नए चेहरों में से एक हैं जिन्हें सपा सरकार ने शनिवार को नए मंत्रियों के तौर पर घोषित किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कुल 21 लोगों की तरक्की की है जिनमें से 12 नए चेहरे हैं। इन सभी मंत्रियों ने राज भवन में पद की शपथ ली। ऐसा माना जा रहा है कि 2017 के चुनावों से पहले यह उत्तर प्रदेश सरकार में किया गया सबसे बड़ा फेरबदल है।
समाजवादी पार्टी के इस कदम को 2017 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि 44 वर्षीय मुख्यमंत्री ने इन सभी नए मंत्रियों को शुभकामनाएं दीं और जो मंत्री ठीक से काम नहीं कर रहे हैं उनको लताड़ भी लगाई।
यह फैसला मुख्यमंत्री को प्रदेश में अपनी छवि मजबूत करने का एक मौका देगा। गौरतलब है कि अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद से सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को सुपर सीएम के तौर पर देखा जाता रहा है। ऐसी धारणा बनी रही है कि अखिलेश अपने पिता मुलायम की छाया में ही काम करते रहे हैं।
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