नई दिल्ली: देश में असहिष्णुता को लेकर तेज होती चर्चा के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आपसी सम्मान और सहिष्णुता के परिवेश में सुधार लाने का आह्वान करते हुए कहा कि राजनीतिक स्तर से चीजों को ठीक करने की अत्यधिक सक्रियता से प्रगति के रास्ते में रुकावट आती है। राजन ने कहा कि भारत की प्रगति के लिए सवाल उठाने और चुनौती देने के अधिकार के संरक्षण की जरूरत है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली में दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राजन ने कहा कि किसी समूह की भागीदारी को नुकसान पहुंचाने के लिए किसी को शारीरिक तौर पर चोट पहुंचाने या किसी खास समूह का अपमान करने की की कार्रवाई की निश्चित तौर पर अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
राजन ने कहा, ‘यौन उत्पीड़न चाहे वह शारीरिक हो अथवा शाब्दिक हो, उसका समाज में कोई स्थान नहीं है।’ उन्होंने कहा कि कोई भी विचार अथवा व्यवहार जिससे किसी खास तबके अथवा समूह को ठेस पहुंचती है, उस पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि हम त्वरित रोक लगाने के बजाय सहिष्णुता और आपसी सम्मान के जरिये विचारों के लिए बेहतर परिवेश बनाएं।
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