लखनऊ:  ‘उत्तर प्रदेश बचाओ-उत्तर प्रदेश बनाओ’ अभियान की ओर से कल आयोजित युवा संकल्प सभा में सम्मानजनक रोजगार, शिक्षा के अधिकार को प्राप्त करनेे, प्रदेश में परिवारवाद, नफरत और साम्प्रदायिक जुनून की राजनीति के विरोध में खड़े होने के लिए गए संकल्पों पर आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) पूरे प्रदेश में अभियान तेज करेगा। यह फैसला आज आइपीएफ बैठक में लिया गया। बैठक में आइपीएफ राष्ट्रीय संयोजक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश अपने सबसे बुरे दिनों के दौर से गुजर रहा है। चारों तरफ आशंका, भय, जुल्म और अराजकता का माहौल व्याप्त है। महिलाओं के साथ गैंगरेप और उनकी हत्या, बेकारी की आग में झुलस रहे नौजवानों की आत्महत्या, किसानों व गरीबों की मौत तथा पुलिस द्वारा निर्दोष लोगों की हत्या यहां आम बात हो गयी है। प्रदेश में दंगा-फसाद की घटनाओं का चेहरा बेहद डरावना होता जा रहा है। आज प्रदेश को नए विकल्प की जरूरत है। 

 उन्होंने कहा कि खेती ही हमारी अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा है और खेती-किसानी, कृषि आधारित उद्योग, छोटे-मझोले उद्योग तथा दस्तकारी क्षेत्र के विकास से ही रोजगार सृजन और देश का वास्तविक विकास हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसलिए किसानों और आम नागरिकों की कीमत पर कारपोरेट घरानों को दी जा रही छूट को समाप्त करने और कृषि, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे जनहित के मदों पर बजट में पर्याप्त धन आवंटित करने की मांग को अभियान का केन्द्रीय बिंदु बनाया जायेगा। 

बैठक में पूर्व आईजी व आइपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस० आर० दारापुरी, लाल बहादुर सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष आर0 डी0 कुरील, संगठन महासचिव दिनकर कपूर, सचिव नसीम खान, अजीत सिंह यादव, राजेश सचान, कौशल यादव, कमलेश सिंह आदि लोग मौजूद रहे।