पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में राज्य के छह जिलों सारण, वैशाली, नालंदा, पटना, भोजपुर और बक्सर के कुल 50 विधानसभा क्षेत्रों में 53.32 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी आर लक्ष्मणन ने बताया कि इन 50 विधानसभा क्षेत्रों में से नक्सल प्रभावित 10 क्षेत्रों में शाम 4 बजे तक और 40 अन्य विधानसभा क्षेत्रों में शाम 5 बजे तक जारी रहे मतदान के दौरान 53.32 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले। उन्होंने बताया कि सारण, वैशाली, नालंदा, पटना, भोजपुर और बक्सर जिलों में शाम 5 बजे तक मतदान का प्रतिशत क्रमश: 52.50, 54.82, 54.11, 51.82, 53.33 और 56.58 रहा।

विधानसभा चुनाव के तीसरे दौर में जिन प्रमुख उम्मीदवारों का भाग्य इवीएम में सील हो गया, उनमें बिहार विधानसभा उपाध्यक्ष अमरेंद्र प्रताप सिंह, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों तेजप्रताप (महुआ) और तेजस्वी (राघोपुर), बिहार के मंत्री श्रवण कुमार (नालंदा) एवं श्याम रजक (फुलवारीशरीफ), पटना साहिब से पूर्व मंत्री और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव, बिहार विधानसभा में बीजेपी के मुख्य सचेतक अरुण कुमार सिन्हा (कुम्हरार), पूर्व मंत्री सत्यदेव नारायण आर्य, पूर्व मंत्री हरिनारायण सिंह, गौतम सिंह, ददन सिंह यादव, विजय शंकर दुबे, जेल में बंद पूर्व जेडीयू बाहुबली विधायक अनंत सिंह जो कि इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं, आदि शामिल हैं।

ये दौर महागठबंधन के दोनों नेताओं नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों के लिए बहुत अहम है, क्योंकि आज लालू के गढ़ सारण में भी मतदान हुआ और सारण में विधानसभा की 10 सीटें आती हैं। वहीं, नीतीश के गढ़ नालंदा में भी मतदान हुआ, जहां विधानसभा की सात सीटें हैं। तीसरे चरण में ज़्यादातर शहरी इलाक़े हैं जहां बीजेपी मजबूत मानी जाती है। तीसरे चरण के मतदान में सारण, वैशाली, नालंदा, पटना, भोजपुर और बक्सर जिले के मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

तीसरे चरण में 50 विधानसभा क्षेत्र के करीब 1.46 करोड़ मतदाताओं ने 71 महिला समेत 808 प्रत्याशियों के राजनीतिक भविष्य का फैसला कर दिया है। तीसरे चरण के चुनाव में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और सत्ताधारी महागठबंधन के बीच माना जा रहा है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में अन्य राजनीतिक दल और निर्दलीय प्रत्याशियों ने मुकाबले को त्रिकोणात्मक भी बनाया है।

आज के मतदान में 1909 बूथों को नक्सल प्रभावित घोषित कर दिया गया था, जिसके चलते सभी बूथों पर केंद्रीय बल तैनात रहे। 50 विधानसभा क्षेत्रों में से 10 के नक्सल प्रभावित इलाके में होने के कारण सुरक्षा के मद्देनजर तथा एहतियात के तौर पर वहां मतदान का समय सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक तथा बाकी 40 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान का समय सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक रहा। शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। इसके लिए अर्धसैनिक बलों के साथ राज्य पुलिस बल की कुल 1107 कंपनियां तैनात की गई थीं।