लखनऊ:  भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी की सरकार ने अपने चहेतों को उपकृत करने के लिए संवैधानिक संस्थाओं, आयोगों और निगमों के अध्यक्ष पद थमा दिया है। 

प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 चन्द्रमोहन ने कहा कि कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव को नियम विरूद्ध राज्य भंडारण निगम का चेयरमैन बनाए जाने के मसले पर हाइकोर्ट द्वारा राज्य सरकार के स्पष्टीकरण मांगना सबित करता है कि सपा सरकार अपने दुलारों को रेवड़ी बांटने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। 

प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 चन्द्रमोहन ने कहा कि इससे पहले हाइकोर्ट सेवानिवृतों लेकर मुख्य सूचना आयुक्त बनने वाले पूर्व मुख्यसचिव जावेद उस्मानी की तैनाती पर भी सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर जावेद उस्मानी के चयन के लिए ‘तुलनात्मक श्रेष्ठता का आकलन कैसे किया गया? इससे स्वतः साफ हो जाता है कि सपा सरकार किस तरह से मनमानी करने पर उतारू है। 

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व में भी उत्तर  प्रदेश लोक सेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग, उच्चतर शिक्षा चयन बोर्ड के अध्यक्षों को हाईकोर्ट द्वारा हटाया जाना सपा सरकार के गैरसंवैधानिक रवैये की पुष्टि करता है। राज्य की सपा सरकार ने जनता की उक्वमीदों पर कुठाराघात किया है। 

प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 चन्द्रमोहन ने कहा कि यह सरकार लगातार जनता से दूर होती जा रही है और इसे जनभावना का जरा भी ख्याल नहीं है। जो आयोग और निगम आम जनता के बीच विश्वसनीय थे वे सपा सरकार के राज में अपनी साख खो चुके हैं। इन आयोगों और निगमों के चेयरमैन की कुर्सी पर बैठकर सपा के दुलारे मौज कर रहे हैं।