दुबई: दुनिया के दौलतमंद देशों में गिने जाने वाले सऊदी अरब का खजाना आने वाले पांच सालों में खाली हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुताबिक, तेल के दाम गिरना अगर ऐसा ही जारी रहा और सरकार अपनी मौजूदा आर्थिक नीति से ही चिपकी रही, तो सऊदी अरब की आर्थिक संपदा जल्द ही खत्म हो सकती है। आईएमएफ ने सऊदी अरब सरकार को बजट घाटे को नियंत्रित करने की सलाह दी है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, यही हाल छह सदस्यीय खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में शामिल ओमान और बहरीन का भी है। हालांकि कुवैत, कतर और यूएई जैसे देशों की हालत सऊदी अरब के मुकाबले खासी बेहतर है, जो तेल की घटती कीमतों के बावजूद अगले 20 वर्षों तक अपनी मजबूत आर्थिक स्थिति को कायम रख सकते हैं।

आईएमएफ के मध्य पूर्व निदेशक मसूद अहमद ने दुबई में रिपोर्ट जारी करते हुए बताया, ‘क्षेत्र के तेल निर्यातकों के लिए, गिरती कीमतों से राजस्व का नुकसान हो रहा है, जो कि अकेले इस साल ही करीब 360 अरब डॉलर के करीब रहा है।’