नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने अपने हालिया बयान से विवादों को हवा दे दी है। नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के अवसर पर उन्होंने कहा कि वह दिल्ली के एक पूर्व उपराज्यपाल के इस बयान से सहमत हैं कि उत्तर भारतीयों को नियम तोड़ने में मजा आता है।

रिजिजू ने पुलिस से संबंधित विषयों पर एक थिंक टैंक के उद्घाटन समारोह से इतर कहा, उत्तर भारतीयों को नियम तोड़ने में ‘आनंद आता है और उन्हें इसका गर्व होता है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं दिल्ली के एक पूर्व उपराज्यपाल के कुछ वर्ष पहले दिए गए बयान का गवाह हूं। उन्होंने कहा था कि उत्तर भारत के लोगों को नियम तोड़ने में आनंद आता है लेकिन शाम तक उन्हें माफी मांगने को मजबूर होना पड़ा था।’ रिजिजू ने कहा, ‘.. लेकिन मुझे लगता है कि जो उन्होंने जो कहा था, वह सही था।’

रिजिजू ने हालांकि उपराज्यपाल का नाम नहीं लिया लेकिन दस्तावेज बताते हैं कि दिल्ली के तत्कालीन उप राज्यपाल तेजेंद्र खन्ना ने फरवरी 2008 में टिप्पणी की थी, ‘यह उत्तर और पश्चिम भारत की विशेषता है कि लोगों को कानून का उल्लंघन करने और यह शेखी मारने में सम्मान और गर्व का एहसास होता है कि इसके लिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।’ हालांकि कांग्रेस और बीजेपी के विरोध के बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया था।

रिजिजू ने कहा कि यहां लोगों को यह शेखी बघारने में मजा आता है कि उन्होंने एक पुलिस अधिकारी को धमकाया। उन्होंने कहा कि हर चीज के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है। रिजिजू ने कहा, ‘कई लोग कहते हैं कि पुलिस बहुत अशिष्ट हो गई है। पुलिस केवल तब अशिष्ट होगी अगर नागरिक अनुशासनहीन होंगे। अगर लोग अनुशासित होंगे, तो पुलिस अशिष्ट नहीं होगी। लेकिन आमतौर पर कहा जाता है कि जब तक आप उन्हें डंडे से नहीं पीटेंगे, लोग नहीं सुनते।’

उन्होंने कहा, ‘यहां तो बोलते हैं कि डंडा जब तक नहीं पड़ेगा तो लोग सुधरते नहीं हैं। लेकिन अगर लोग ठीक नहीं हैं, अनुशासनहीन हैं, दस बार बोलने के बाद नहीं मानते हैं तो फिर तो डंडा तो चलाना पड़ेगा।’ मंत्री की टिप्पणियां ऐसे समय आई हैं जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ‘सबसे भ्रष्ट’ है।

उन्होंने कहा, ‘केजरीवाल कहते रहते हैं कि दिल्ली पुलिस ये नहीं करती, वो नहीं करती, लेकिन अगर वह खुद नहीं सुधरेंगे तो पुलिस क्या करेगी।’ पुलिस का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि कहीं भी किसी भी घटना या अपराध के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराना आसान होता है लेकिन खाकी वर्दी वाले ही रातभर जगकर शांति और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करते हैं।

रिजिजू ने कहा, ‘पुलिस को गाली देकर समाज नहीं सुधरेगा। एक घटना पुलिस बल को भ्रष्ट नहीं बना सकती।’ उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्पीड़न के बारे में मीडिया में बार बार खबरें आना मंत्री के रूप में बहुत ‘परेशान करने वाला’ और ‘हताश करने वाला’ है।