लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने उ0प्र0 की बीमार स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है। प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि उ0प्र0 स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक बड़ी-बड़ी बाते कही जा रही है पर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की धज्जियां उड़ रही हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाली खबरे बेहद हैरान करने वाली है। कही जिन्दगी से महरूम हो गये मरीज को खून चढ़ाया जा रहा है तो कही शव का एक्सरे हो रहा है।

हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार अस्पतालों में मुक्त जांच और दवा दिये जाने की बात प्रचारित तो करती हैं लेकिन असलियत यह है कि गरीब व लाचार की सुनवाई नहीं है आए दिन कही अस्पताल के गेट पर ही इलाज न मिल पाने के अभाव में घंटों इंतजार कर मरीज की मृत्यु हो रही है तो कही गर्भवती महिलाओं की डिलवरी अस्पताल के गेट पर हो रही है। तो कही जिंदा बच्ची को ही मृत दिखा दिया जा रहा है।

हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि पंचायत आचार संहिता के नाम शिशुओं व प्रसूताओं के लिए 102 एम्बुलेन्स सेवा को 300 एम्बुलेन्श तथा 108 में 200 एम्बुलेन्स दिये जाने में देरी प्रदेश सरकार का एक लचर बहाना है। क्यों कि स्वास्थ्य सेवाओं पर आचार संहिता लागू नहीं होती है। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा प्रदेश सरकार द्वारा संचालित 108 एम्बुलेन्स सेवा लोगो को आवश्यकता पर उपलब्ध नहीं हो पाती इसी तरह महिला हेल्प लाइन पर जबाव ही नहीं मिलता और प्रदेश सरकार का स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता सुधार तथा जबावदेह सेवा बनाने में रूचि नहीं।

हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने प्रदेश सरकार द्वारा 7 मेडिकल कालेज खोल जाने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजने पर कहा कि यह अच्छी बात है कि प्रदेश में चिकित्सा, शिक्षा क्षेत्र में और अधिक शिक्षण संस्थान खोले जाएं लेकिन इससे भी अधिक अच्छा होता कि प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में जितने मेडिकल कालेज वर्तमान में संचालित है उनकी गुणवत्ता तथा संचालन को लेकर सरकार गंभीर होती। हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि हालात यह है कि गोरखपुर मेडिकल कालेज हो या केजीएमयू विभिन्न फैकेल्टी में पढ़ाने वाले प्रोफेसर ही नहीं है। एसजीपीजीआई का ट्रामा सेंटर आज तक संचालित नहीं हो सका केन्द्र सरकार की योजना अन्र्तगत स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान के अन्र्तगत बसपा सरकार में बने प्रदेश के कई मेडिकल कालेज की स्थित हास्पास्पद है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हालत यह है कि यदि मेडिकल काउन्सिल आफ इण्डिया ईमानदारी और निष्पक्षता पूर्वक सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कालेज की मानकों के आधार पर समीक्षा कर ले तो आधे से अधिक मेडिकल कालेजों की मान्यता के काबिल नहीं पाये जायेगे।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि उ0प्र0 के युवा मुख्यमंत्री कभी प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं तथा सरकारी मेडिकल कालेज की स्थित की गहन समीक्षा कर स्वास्थ्य सेवाओं को संवेदनशील गुणवत्ता परक जबावदेह और पारदर्शी बनाने के लिए कुछ व्यावहारिक कदम उठाते तो सम्भवतः प्रदेश की आम जनता को कुछ राहत मिलती।