श्रीनगर: एमबीए की पढ़ाई पूरी करने वाले एक नौजवान ने फैसला किया है कि वह कश्मीर स्थित इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईयूएसटी) के पहले दीक्षांत समारोह में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के हाथों से डिग्री नहीं लेगा। इस नौजवान ने देश में ‘खत्म होती जा रही आजादी’ का विरोध करने के लिए यह फैसला लिया है।
समीर गोजवारी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, ‘यूं तो किसी छात्र के लिए मास्टर्स डिग्री प्राप्त करना किसी प्रतिष्ठित अवॉर्ड से कम नहीं है। लेकिन 19 अक्तूबर (दीक्षांत समारोह की तारीख) को मैं समीर गोजवारी इसे स्वीकार नहीं करूंगा ।’ समीर ने 2008 में आईयूएसटी से एमबीए की पढ़ाई पूरी की थी।
उसने ऐसे समय में यह बात फेसबुक पर लिखी जब ऐसी अपुष्ट खबरें आईं कि ईरानी सोमवार को आईयूएसटी के पहले दीक्षांत समारोह में छात्रों को डिग्रियां देंगी। उसने लिखा, ‘जब खत्म होती आजादी के विरोध में भारत के लेखक साहित्यिक अवॉर्ड लौटा रहे हैं और देश भर के 41 लेखक सर्वप्रतिष्ठित पुरस्कार लौटा चुके हैं..अपुष्ट खबरों में कहा जा रहा है कि इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने अपने पहले दीक्षांत समारोह में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को अध्यक्षता के लिए बुलाया है ।’
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