लखनऊ: दनकौर में दलित परिवार द्वारा चौराहे पर मजबूर हो कर निर्वस्त्र होने तथा पुलिस उपेक्षा एवं दुर्व्यवहार की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. यह बात आज एस.आर. दारापुरी पूर्व आई.जी. एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने प्रेस विज्ञप्ति में कही है. उन्होने आगे कहा कि इस बात की जांच हो कि वे कौन सी ऐसी परिस्थियाँ थीं जिन से मजबूर हो कर दलित परिवार को चौराहे पर निर्वस्त्र होना पड़ा. समाचार-पत्रों से ज्ञात हुआ है कि परिवार ने थाने पर एक व्यक्ति के विरुद्ध लूट का मामला दर्ज कराया था और वे उस में कार्रवाही की मांग कर रहे थे जिस में पुलिस द्वारा हीला-हवाली करने पर उन्होंने रोष में यह कदम उठाया. घटना के वीडिओ से यह स्पष्ट है कि पुलिस ने इस मामले में शालीनता से काम नहीं लिया. पुलिस द्वारा उक्त परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी में जिस बर्बरता का परिचय दिया गया है वह निंदनीय है. वे कोई इतने बड़े अपराधी नहीं थे जिन के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार किया जाता. अतः इस सम्बन्ध में पुलिस के आचरण की जांच की जानी चाहिए और दुर्व्यवहार के दोषी अधिकारीयों को दण्डित किया जाना चाहिए.   

श्री दारापुरी ने आगे कहा है कि उक्त दलित परिवार अपनी ज़मींन पर एक व्यक्ति द्वारा अवैध कब्ज़ा करने की शिकायत काफी दिनों से करता चला आ रहा था परन्तु न तो पुलिस और न ही राजस्व विभाग द्वारा उस का निस्तारण किया गया. अतः इस बात की जांच की जानी चाहिए कि उन की शिकायत पर कार्रवाही  न करने के लिए कौन कौन अधिकारी ज़िम्मेदार है. सम्बन्ध में उत्तरदायित्व निर्धारित कर दोषी अधिकारी को दण्डित किया जाना चाहिए.