मुंबई। संजय गुप्ता द्वारा लिखी और निर्देशित की गई ‘जज्बा’ एक साथ बहुत कुछ करने की कोशिश करती है। सबसे पहले तो ये ऐश्वर्या राय की कमबैक फिल्म के तौर पर पेश की गई है, जिन्होंने पिछले पांच सालों में कोई फिल्म नहीं की है। साथ ही ये संजय गुप्ता द्वारा पहली बार किसी फॉरन फिल्म की लेजिटिमेट रीमेक है। जी हां, यही हमें बताया गया है कि इस बार संजय गुप्ता ने एक कोरियन फिल्म के राइट्स ऑफीशियली लिए हैं। साथ ही ‘जज्बा’ एक एंटी-रेप और वुमन एम्पावरमेंट मेसेज मूवी के तौर पर भी पेश की गई है। हालांकि यह एंगल जैसे देर से सोचा हुआ लगता है।
जब कई सारी चीजें एक साथ बताने की कोशिश की जाती है तो अक्सर दिक्कत ये आती है कि कहानी कहीं पीछे छूट जाती है। अच्छी बात ये है कि ‘जज्बा’ का प्रेमिस बहुत सॉलिड है। डिफेन्स लॉयर अनुराधा वेर्मा यानी ऐश्वर्या राय को रेप और हत्या के आरोप में गिरफ्तार हुए एक आदमी को बचाना है, क्योंकि उसकी खुद की बेटी को किडनैप कर लिया गया है और उससे आरोपी को बचाने के लिए अनुराधा वेर्मा, विक्टिम की मां की गुनेहगार बन जाती हैं।
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