कानपुर : टी20 श्रृंखला में एक भी मैच जीतने में नाकाम रहने के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर कल से दक्षिण अफ्रीका की मजबूत टीम के खिलाफ शुरू हो रही पांच एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला में बेहतर प्रदर्शन करने और भारतीय टीम की मोर्चे से अगुआई करने का दबाव होगा।

समय आ गया है कि धोनी अपने आलोचकों को जवाब दें क्योंकि उनकी कप्तानी और खेल को लेकर अधिक सवाल उठने लगे हैं जबकि उनके उत्तराधिकारी और टेस्ट कप्तान विराट कोहली की प्रभावी कप्तानी से भी उन पर दबाव बढ़ गया है। जून में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे श्रृंखला गंवाने के बाद धोनी तीन महीने तक प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूर रहे और मैदान पर वापसी करते हुए उनकी टीम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला 0-2 से गंवा दी।

भारत की टीम संतुलित नजर आ रही है लेकिन टी20 में जीत के बाद दक्षिण अफ्रीका की टीम आत्मविश्वास से भरी है और उसे हराना आसान नहीं होगा। दक्षिण अफ्रीका की टीम दिसंबर में समाप्त होने वाले तीन टी20, पांच वनडे और चार टेस्ट के दौरे की इससे बेहतर शुरूआत की उम्मीद नहीं कर सकती थी।

भारतीय टीम में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं लेकिन कुल मिलाकर अधिकांश वही खिलाड़ी अंतिम एकादश में शामिल रहेंगे जो टी20 मैचों में खेले थे। उमेश यादव की वापसी से तेज गेंदबाजी आक्रमण को मजबूती मिलेगी जबकि बल्लेबाजी आलराउंडर गुरकीरत सिंह मान की नजरें वनडे में पदार्पण पर टिकी हैं। गुरकीरत ने हाल में भारत ए की ओर से और घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है।

धोनी अब वो ‘फिनिशर’ नहीं रहे जिसके लिए उन्हें जाना जाता था और वह चौथे नंबर पर उतरते हुए बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे। धोनी बांग्लादेश के खिलाफ वनडे में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे थे और यहां भी उनके इसी क्रम पर उतरने की संभावना है। रोहित शर्मा और शिखर धवन को एक बार फिर पारी की शुरूआत करने की जिम्मेदारी मिल सकती है जबकि अजिंक्य रहाणे मध्यक्रम में अंबाती रायुडू की जगह खेल सकते हैं। रायुडू दो टी20 मैचों में खाता भी नहीं खोल पाए।

धोनी ईडन गार्डन्स में अंतिम टी20 मैच में रहाणे, स्टुअर्ट बिन्नी और अमित मिश्रा जैसे खिलाड़ियों को मौका देना चाहते थे लेकिन यह मैच बारिश की भंेट चढ़ने के कारण एकदिवसीय मैच से पहले इन खिलाड़ियों से मैच अभ्यास का मौका छिन गया। धर्मशाला में भारत ही हार के दौरान रोहित शर्मा ने शानदार शतक जड़ा था और वह अपने इस प्रदर्शन को वनडे में भी दोहराना चाहेंगे जबकि उनके साथी सलामी बल्लेबाज धवन की नजरें भी टी20 में विफलता के बाद फार्म में वापसी पर टिकी होंगी।

कोहली भी टी20 में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए और वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे में अपने तेवर दिखाना चाहेंगे। गेंदबाजी धोनी के लिए चिंता का सबब है। धर्मशाला और कटक दोनों ही जगह आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के अलावा दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को भारत का कोई और गेंदबाज परेशान नहीं कर पाया।

यादव की वापसी से तेज गेंदबाजी मजबूत होगी लेकिन तेज गेंदबाजों भुवनेश्वर कुमार और मोहित शर्मा को अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा। ग्रीन पार्क की पिच आम तौर पर धीमी होती है और यहां गेंद नीची रहती है और ऐसे में धोनी को फैसला करना होगा कि वह तीन विशेषज्ञ स्पिनर, तीन तेज गेंदबाजों और एक आलराउंडर बिन्नी में से किस संयोजन के साथ उतरना चाहेंगे। दूसरी तरफ मोर्कल और डेल स्टेन की वापसी से दक्षिण अफ्रीका का तेज गेंदबाजी आक्रमण काफी मजबूत नजर आता है। इन दोनों को टी20 श्रृंखला में आराम दिया गया था।

एकदिवसीय कप्तान एबी डिविलियर्स के पास काइल एबोट और कागिसो रबादा जैसे तेज गेंदबाज भी हैं जिन्होंने टी20 मैचों में प्रभावित किया। टीम के पास कामचलाउ गेंदबाजों के अलावा इमरान ताहिर और आरोन फांगिसो के रूप में दो विशेषज्ञ स्पिनर भी हैं।

बल्लेबाजी में टीम की अगुआई डिविलियर्स करेंगे जबकि जीन पाल डुमिनी शानदार फार्म में है। बल्लेबाजी क्रम की हालांकि टी20 में अच्छी परीक्षा नहीं हो पाई और ऐसे में देखना होगा कि अगर भारतीय गेंदबाज टीम पर दबाव बनाने में सफल रहते हैं तो बल्लेबाज कैसा प्रदर्शन करेंगे।

टीम इस प्रकार है: 

भारत : महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), रविचंद्रन अश्विन, स्टुअर्ट बिन्नी, शिखर धवन, विराट कोहली, भुवनेश्वर कुमार, अक्षर पटेल, अजिंक्य रहाणे, सुरेश रैना, अंबाती रायुडू, मोहित शर्मा, रोहित शर्मा, उमेश यादव, गुरकीरत सिंह मान और अमित मिश्रा।

दक्षिण अफ्रीका : एबी डिविलियर्स (कप्तान), हाशिम अमला, क्विंटन डि काक, फाफ डु प्लेसिस, जेपी डुमिनी, डेविड मिलर, फरहान बेहरदीन, क्रिस मौरिस, खाया जोंदो, आरोन फांगिसो, इमरान ताहिर, डेल स्टेन, मोर्ने मोर्कल, काइल एबोट और कागिसो रबादा।