इलाहाबाद। इस साल दशहरा और मुहर्रम का लगभग एक ही वक्त में होने वाले हैं। ऐसे में इलाकों में कानून-व्यवस्था कायम रखना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। लेकिन इलाहाबाद की पुलिस को इस सरदर्द से मुक्ति मिल गई है।

इलाहाबाद शहर के 2 प्रमुख ताजिया समितियों (बड़ा ताजिया मुहर्रम कमिटी और बुड्ढा ताजिया कमिटी) ने बुधवार को घोषणा की है कि इस साल वे 23 और 24 अक्टूबर को ताजिया का जुलूस नहीं निकालेंगे। अच्छी खबर यह है कि मुस्लिम कमेटियों ने यह फैसला हिंदू पर्व दशहरा के मद्देनजर लिया है।

शहर के एसपी राजेश कुमार यादव ने दोनों कमिटी की इस फैसले के लिए प्रशंसा की। आपको बता दें कि यह दोनों ताजिया समितियां इलाहाबाद की सबसे पुरानी समितियों में से एक हैं और हर साल मुहर्रम के दौरान सबसे बड़ा ताजिया जुलूस निकालती हैं। इनके जुलूसों में 2 लाख से भी ज्यादा लोग हिस्सा लेते हैं। बड़ा ताजिया मुहर्रम कमिटी के अध्यक्ष रेहान खान ने कहा कि, “जब हमें पता चला कि दशहरा और मुहर्रम एक साथ पड़ रहे हैं, हमने फैसला किया कि शहर की गलियों में ताजिया का जुलूस नहीं निकालेंगे। शहर भर में पूजा के पंडाल लगे होते हैं। इसके अलावा, हमारे हिंदू भाई भी दशहरे पर जुलूस निकालते हैं और विजयादशमी व उसके अगले दिन शोभा यात्राएं और विसर्जन जुलूस निकाला जाता है।”