नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना लड़ाकू मोर्चों पर महिला पायलटों की तैनाती पर विचार कर रही है। वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने वायुसेना के 83वें स्थापना दिवस के अवसर पर गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस में वायु सैनिकों को संबोधित करते हुए आज कहा कि वायुसेना में महिलाएं मालवाहक विमान और हेलिकॉप्टर उड़ा रही हैं। हम देश की युवा महिलाओं की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उन्हें लड़ाकू मोर्चों में भी शामिल करने पर विचार कर रहें हैं।

वर्तमान में वायुसेना के प्रशासनिक, लॉजिस्टिक्स, शिक्षा और तकनीक जैसे क्षेत्र में महिला अधिकारी कार्यरत हैं और इसके अलावा कम से कम 200 महिला पायलट मालवाहक विमान और हेलिकॉप्टर उड़ा रहीं हैं। सशस्त्र सेना में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने के मामले में भी वायुसेना अग्रणी है। वहीं गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर हो रहे मुख्य समारोह में वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने अपने करतब दिखाए। समारोह में एयर फोर्स के ऑनरेरी ग्रुप कैप्टन सचिन तेंदुलकर ने भी हिस्सा लिया।

समारोह में जुगआर फाइटर प्लेन, सी 17 ग्लोबमास्टर और सी 130 हरक्युलिस के साथ एमआई 17 और एमआई 35 विमान भी शामिल हुए। वहीं समारोह का मुख्य आकर्षण सूर्यकिरण विमानों का करतब रहा। भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को ब्रिटिश शासन काल में की गई थी तब इसे रॉयल इंडियन एयर फोर्स कहा जाता था।