लखनऊ:  बीते सौ सालों से पोस्टल कर्मचारियों के साथ ही आम जनों को बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करा रहे यूपी पोस्टल प्राइमरी को-ऑपरेटिव बैंक में तकनीकी उन्नयन के काम की शुरुआत की जा रही है। अपने शताब्दी वर्ष में आज से बैंक में कोर बैंकिंग प्रणाली (सीबीएस) की शुरुआत की गयी। चीफ पोस्ट मास्टर जनरल यूपी सर्किल एवं यूपी पोस्टल प्राइमरी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की चेयरपर्सन डॉ सरिता सिंह ने आज बैंक के हेड आफिस में सीबीएस सेवा का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जल्दी ही बैंक की सभी 13 शाखाओं में इस सेवा का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि अपने ग्राहकों को उत्कृष्ट बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए उच्च तकनीकी का सहारा लिया जाएगा।

गौरतलब है कि इस बैंक की स्थापना 1915 में यूपी पोस्टल को-ऑपरेटिव सोसाइटी के नाम से हुयी थी जिसका उद्देश्य डाक व तार विभाग के लोगों को जरुरत पडऩे पर कम से कम ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध कराना है। बाद में इस सोसाइटी ने रिजर्व बैंक से 1986 में लाइसेंस लेकर बैंकिंग व्यवसाय का काम शुरु किया जिसके तहत बचत खाता, आवर्ती जमा व विशेष जमा का काम किया जा रहा है। बैंक ने फरवरी 1991 से मासिक आय योजना की भी शुरुआत की है।

रिजर्व बैंक के प्रोत्साहन से यूपी पोस्टल प्राइमरी को-ऑपरेटिव बैंक ने राजधानी में पुरनियां शाखा, राजाजीपुरम विस्तार पटल के साथ कई अन्य जिलों में भी अपनी शाखाएं खोली हैं।

बैंक के वाइस चेयरमैन वीरेंद्र तिवारी के मुताबिक यह अग्रणी सहकारी बैंक किसी संस्था, विभाग या बैंक का कर्जदार नही है। बैंक ने यूपी के साथ ही राजस्थान के डाक कर्मचारियों को अपनी साख व सेवाओं से आर्कषित किया है। बैंक के साथ न केवल डाक बल्कि दूरसंचार, डाकतार चिकित्सालय, ट्रेनिंग

सेंटर व सिविल विंग का स्टाफ भी जुड़ा है। उन्होंने बताया कि बैंक का वर्तमान प्रबंध तंत्र अपने 100 से ज्यादा कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के समान वेतनमान व अन्य सुविधाएं दे रहा है। बैंक के 100 निर्वाचित प्रतिनिधि हैं व 15 संचालक इसका संचालन करते हैं। सीबीएस के उद्घाटन के मौके पर डॉ सरिता सिंह के साथ वीरेंद्र तिवारी व बैंक के सभी संचालक व प्रतिनिधि मौजूद थे।