नई दिल्ली: वित्तमंत्रालय ने विश्वास जताया कि सातवां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों के मामले में अपनी सिफारिश देते समय राजकोषीय स्थिति को लेकर सरकार की चिंताओं के प्रति सचेत होगा।

न्यायमूर्ति एके माथुर की अध्यक्षता वाले आयोग को केंद्र सरकार के करीब 48 लाख कर्मचारियों तथा 55 लाख पेंशनभोगियों के नए वेतनमान, भत्तों और पेंशन की समीक्षा पर अपनी रिपोर्ट दिसंबर 2015 तक देनी है।

वित्त सचिव रतन वाटल ने संवाददाताओं से कहा, हमने वेतन आयोग को सार्वजनिक व्यय के टिकाउपन के संदर्भ में अपनी चिंता से अवगत कराया है। मुझे भरोसा है कि आयोग के सदस्य एवं चेयरमैन इससे अवगत हैं और हमारी चिंताओं को लेकर संवेदनशील होंगे। उन्होंने कहा कि आयोग के पास अपनी रिपोर्ट देने के लिए दिसंबर तक का समय है। उसके बाद वित्त मंत्रालय में गठित होने वाला सचिवालय उसकी जांच करेगा।

वाटल ने कहा कि हालांकि सिफारिशों को 1 जनवरी 2016 से क्रियान्वित किया जाना है, पर चालू वित्त वर्ष में सरकारी खजाने पर बहुत ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा, हालांकि उन्होंने कहा कि इसका अगले वित्त वर्ष पर जरूर प्रभाव पड़ेगा।