अखिलेश ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों से जुड़े प्रतिनिधियों को सम्बोधित किया

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों की समस्याओं का प्राथमिकता से निस्तारण करने का भरोसा देते हुए कहा है कि उनकी सरकार प्रदेश में इन उद्योगों एवं उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों एवं इनसे जुड़े उद्यमियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उद्यमियों के सहयोग से ही प्रदेश में खुशहाली और तरक्की की रफ्तार तेज होगी और प्रदेश विकास की ओर अग्रसर होगा। 

मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों से जुड़े प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इन उद्योगों से जुड़ी समस्याओं से अवगत कराया जा रहा है और उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस सन्दर्भ में कन्नौज के इत्र उद्योग और आगरा के चमड़ा उद्योग से जुड़ी समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे जुडे़ उद्यमियों की समस्याओं का निस्तारण किया गया है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम रोजगार के सर्वाधिक अवसर प्राप्त होते हैं और अर्थव्यवस्था की तरक्की के लिए इस सेक्टर की मजबूती जरूरी है।

श्री यादव ने कहा कि नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों के त्वरित विकास के लिए मेट्रो रेल तथा आगरा एक्सप्रेस-वे का तेजी से निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आगरा एक्सप्रेस-वे के बन जाने से किसानों एवं उद्यमियों बड़े बाजार उपलब्ध होंगे, जिससे फलस्वरूप प्रदेश के सभी क्षेत्रों का विकास होगा और बड़ा बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि हस्त शिल्प प्रोत्साहन नीति तथा उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्रय नीति का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

श्री यादव ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की तरक्की से विकास दर को आगे बढ़ाने में मद्द मिलती है। राज्य सरकार प्रदेश के औद्योगीकरण की दिशा में कार्य कर रही है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को विशेष रूप से प्रोत्साहन के उद्देश्य से उद्यमियों की समस्याओं का हल प्राथमिकता से किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव वित्त राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव उद्योग श्री महेश गुप्ता, प्रमुख सचिव लघु उद्योग  रजनीश दुबे, अधिशासी निदेशक उद्योग बंधु कंचन वर्मा सहित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों से जुड़े प्रतिनिधि मौजूद थे।