पिछले चार वर्षों के दौरान खरीदारों द्वारा वाहनों के प्रकार के चयन में काफी बदलाव आया है और यह छोटे कार से बड़े मॉडल की तरफ शिफ्ट हुआ है। खरीदारी की प्रक्रिया के दौरान छोटे कारों पर विचार करने वाले नए वाहनों के खरीदारों की संख्या 2012 के 65 प्रतिशत से घटकर 2015 में 45 प्रतिशत पर आ गई है। इस दौरान यूटिलिटी वाहन और मिडसाइज कार पर देने वाले खरीदारों की संख्या 7 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

जे.डी पावर के कार्यकारी निदेशक मोहित अरोड़ा ने कहा कि कई ऑटोमेकर्स द्वारा समान कीमत पर विभिन्न प्रकार के मॉडल्स की पेशकश किए जाने की वजह से आज व्हीकल सेगमेंट के बीच कीमतों का अंतर काफी कम हो गया है। इससे कार के नए खरीदार बड़े मॉडल्स सहित वाहनों के व्यापक रेंज पर विचार कर सकते हैं। 

इसके अलावा वाहन के नए खरीदारों में नए लॉन्च हुए मॉडल्स पर विचार करने की दर तीन साल में उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी है। 2013 के 7 प्रतिशत की अपेक्षा 2015 में कुल खरीदारों में से 10 प्रतिशन ने नए लॉन्च हुए मॉडल्स पर विचार किया था। उल्लेखनीय रुप से पुराने वाहन खरीदार नए लॉन्च हुए मॉडल के लिए पहली बार खरीदारी करने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा खुले होते हैं।