लखनऊ: दादरी के बिसाहड़ा गांव में मृतक अखलाक के परिजनों के साथ संवेदना व्यक्त करने गए आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के प्रवक्ता अजीत सिंह यादव को भाजपाइयों द्वारा बंधक बनाने और पुलिस प्रशासन के मूकदर्शक बने रहने की आइपीएफ की प्रदेश इकाई ने कड़ी निंदा की है। आज प्रेस को जारी अपने बयान में आइपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व आई. जी. एस. आर. दारापुरी ने बताया कि घटनास्थल पर गए आइपीएफ के प्रवक्ता अजीत यादव ने आइपीएफ प्रदेश कार्यालय को बताया कि बिसाहड़ा से आधा किलोमीटर पहले ही टिकटिकिया गांव में उन्मादी भीड़ ने उन्हें रोक लिया व कई घंटे बंधक बनाए रखा,  मोबाइल फोन छीनकर सभी डाटा उससे डिलीट कर दिया। भीड़ में भगवा पट्टी माथे पर बांधे हुए नौजवान थे, जो कह रहे थे कि अखलाक को सजा मिल गई है और उनकी मदद करने वालों को भी सजा दी जाएगी। मौके पर मौजूद पुलिस ने मदद करने से इंकार करते हुए कहा कि तुम लोग यहां आए ही क्यों हो। बिसाहड़ा गांव के चारों तरफ के रास्तों को भाजपाइयों की उन्मादी भीड़ ने घेर लिया है और किसी को वहां जाने नहीं दे रहे हैं. 

श्री दारापुरी ने अपने बयान में कहा कि दादरी में सपा सरकार की मदद से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा के लोग खुलेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं। ग्रामीणों के नाम पर संघ और भाजपा के लोग सुनियोजित रणनीति के तहत मीडिया एवं राजनीतिक लोगों को बिसाहड़ा गांव में जाने से रोक रहे हैं, उनके साथ बदसलूकी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा सरकार की निष्क्रियता वहां एक बड़े साम्प्रदायिक दंगे की पृष्ठभूमि तैयार कर रही है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह तत्काल वहां पर हस्तक्षेप करे और कानून के राज को बहाल करते हुए भाजपा-संघ की जारी गुण्ड़ागर्दी पर रोक लगाए, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की गारंटी करे तथा मीडियाकर्मियों को घटनास्थल पर जाने और तथ्यों की जांच करने के उनके लोकतांत्रिक अधिकार को सुनिश्चित करे।